Vistara Crisis: देश में सबसे स्थिर बिजनेस हाउस टाटा ग्रुप (Tata Group) को माना जाता है, लेकिन फिलहाल इसी ग्रुप की एक कंपनी पर अस्थिरता के बादल मंडराए हुए हैं. करीब 1,000 पायलटों वाली टाटा ग्रुप की विस्तारा एयरलाइंस (Vistara Airlines) के डेढ़ दर्जन पायलटों ने अचानक इस्तीफा दे दिया है, जबकि बड़ी संख्या में बाकी बचे पायलटों ने बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी ले ली है. इससे एयरलाइंस के पास पायलटों की अचानक कमी हो गई है और उसे अपनी फ्लाइट्स लगातार कैंसिल करनी पड़ रही है. PTI-भाषा के मुताबिक, पिछले 2-3 दिन में 100 से ज्यादा फ्लाइट रद्द हो चुकी हैं. इस कारण जहां इन फ्लाइट से टिकट बुक कराने वाले पैसेंजर परेशान हो रहे हैं और कंपनी भी संकट में फंस गई है. CEO ने पायलटों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन वह भी बेनतीजा रही है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) अभी पूरे मामले की निगरानी कर रहा है, लेकिन संकट नहीं सुलझने पर उसकी तरफ से जल्द ही कोई कार्रवाई की जा सकती है. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है, जिसने इस कंपनी को संकट में फंसा दिया है.
पहले जान लीजिए विस्तारा का 'विस्तार' कितना है
विस्तारा एयरलाइंस टाटा ग्रुप की ही कंपनी है. यह कंपनी रोजाना करीब 300 फ्लाइट्स का संचालन करती है, जिसके लिए इस कंपनी के पास 70 विमानों का बेड़ा है. कंपनी के पास करीब 1,000 पायलट हैं, जिनमें से 200 फिलहाल अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रहे हैं, जबकि 800 फ्लाइट संचालन के लिए मौजूद थे. इनमें से 15 पायलटों ने पिछले कुछ दिन के दौरान इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले 15 पायलट अपनी ट्रांसफॉर्मेशन ट्रेनिंग पूरी कर चुके थे और अब वे A320 विमानों से हटकर बड़े आकार के बोइंग 787 विमानों को उड़ाने के योग्य बन गए हैं. इन पायलटों ने इस्तीफा देकर एक अन्य घरेलू बजट एयरलाइंस से नाता जोड़ा है. इसके अलावा बड़ी संख्या में विस्तारा एयरलाइंस के पायलटों ने खुद को बीमार बताते हुए आकस्मिक अवकाश ले लिया है. इसके चलते ही पायलटों की कमी पैदा हुई है, जिस कारण संकट की शुरुआत हुई है.
अब समझ लीजिए पूरा विवाद
दरअसल विस्तारा एयरलाइंस का संकट भले ही अब दिखाई दे रहा है, लेकिन इसकी शुरुआत पिछले साल टाटा ग्रुप द्वारा एअर इंडिया (Air India) को केंद्र सरकार से खरीद लेने के साथ ही हो गई थी. टाटा ग्रुप ने एअर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस का विलय करने की योजना पेश की थी. इससे विस्तारा के पायलटों में असंतोष पैदा हो गया है. पायलटों को इस विलय योजना के कारण नया कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था, जिसमें उनके निश्चित मुआवजे को घटा दिया गया है और उड़ान से जुड़े प्रोत्साहन भत्तों में बढ़ोतरी की गई है. विस्तारा के पायलट अपने वेतन पैकेज में इस संशोधन के कारण ही बेहद नाराज हैं और हड़ताल करने के बजाय बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी पर चले गए हैं. इससे पायलटों की कमी पैदा हो गई है और एयरलाइंस को बड़ी संख्या में अपनी फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ रहा है. जानकारों के मुताबिक, पिछले 2-3 दिन के दौरान ही 100 से ज्यादा फ्लाइट रद्द हुई हैं, जिनमें से 26 फ्लाइट बुधवार को और 50 से ज्यादा फ्लाइट मंगलवार को रद्द की गई हैं.
CEO के साथ बैठक में भी नहीं सुलझा विवाद
विस्तारा एयरलाइंस के CEO विनोद कन्नन ने पायलटों के साथ चल रहे विवाद को निपटाने की कोशिश की है. उन्होंने कंपनी के अन्य सीनियर ऑफिसर्स के साथ मिलकर पायलटों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की है. PTI-भाषा की खबर के मुताबिक, बैठक में पायलटों के नए कॉन्ट्रेक्ट व ड्यूटी से जुड़े मुद्दों पर वार्ता की गई है. इस बैठक में HR समेत कई विभागों के अधिकारी शामिल रहे. सूत्रों का दावा है कि इस ऑनलाइन बैठक के दौरान CEO ने पायलटों के ड्यूटी और कामकाजी घंटों में बढ़ोतरी का मुद्दा मई तक सुलझा लेने का वादा किया, लेकिन फिलहाल पायलट मानते हुए नहीं दिख रहे हैं. हालांकि सूत्रों ने यह दावा किया है कि पायलटों का रुख पॉजिटिव हुआ है और यह मुद्दा जल्द सुलझ सकता है.
DGCA ने मांगी है डेली रिपोर्ट
विस्तारा एयरलाइंस के संकट पर DGCA ने भी करीबी नजर बना रखी है. PTI-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA पहले ही इस मामले में एयरलाइंस को डेली रिपोर्ट देने का निर्देश दे चुका है. DGCA ने विस्तारा एयरलाइंस को फ्लाइट्स कैंसिल होने या रद्द होने के मामले में पैसेंजर्स को दी जाने वाली सर्विसेज का ध्यान रखने का भी निर्देश दिया है.
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