डीएनए हिंदी : अभिनेता से राजनेता बने कांग्रेस के पूर्व सांसद राज बब्बर (Raj Babbar) को सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार के मामले में 26 साल बाद सजा मिली है. अदालत ने बब्बर को 2 साल की की कैद के साथ जुर्माने की सजा दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकारी दफ्तरों में हंगामा करने के लिए इससे भी ज्यादा सजा का प्रावधान है?
दरअसल सरकारी दफ्तरों में या सड़क पर सरकारी कर्मचारियों के साथ भिड़ जाना अब पब्लिक के लिए फैशन जैसा बन गया है. ऐसे मामलों में सरकारी कर्मचारियों को मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार है, जिसमें दोषी साबित होने पर झगड़ा करने वालों को 2 से लेकर 10 साल तक के लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है. भारतीय दंड संहिता यानी IPC में इसके लिए बाकायदा धाराएं तय की गई हैं.
IPC में ऐसे मामलों के लिए कौन सी धाराएं तय की गई हैं और उनमें कितनी सजा मिल सकती है, आइए हम आपको बताते हैं.
इन धाराओं के तहत है सजा का प्रवाधान
आप धारा 166 से दे सकते हैं सरकारी कर्मचारी की बदतमीजी का जवाब
सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में कानून की इतनी सारी धाराएं हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप उनके गलत व्यवहार का जवाब नहीं दे सकते. कानून में किसी लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी या अधिकारी) के आचरण को लेकर भी धारा 166 का प्रावधान किया गया है.
IPC की धारा 166 के मुताबिक, किसी भी लोक सेवक की तरफ से किसी व्यक्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने या अपमानित करने का प्रयास करने पर सजा का प्रावधान है. इसके तहत लोक सेवक को एक साल के सादे कारावास और जुर्माने की सजा मिल सकती है.
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