Operation Sarvashakti: क्या है ऑपरेशन शिवशक्ति, जिससे खत्म हो जाएगा पाक समर्थित आतंकवाद

कुलदीप पंवार | Updated:Jan 13, 2024, 10:27 PM IST

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What is Operation Sarvashakti: पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद की आग में झोंकने की कोशिश में जुटा है. इसके चलते पिछले कुछ महीने में आतंकी हमले बढ़े हैं.

डीएनए हिंदी: Jammu And Kashmir News- जम्मू-कश्मीर में लगातार दम तोड़ रहे आतंकवाद को फिर से भड़काने की पाकिस्तानी कोशिश के खिलाफ भारतीय सेना ने कमर कस ली है. पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की सरगर्मी बढ़ने के बाद अब भारतीय सेना ने उनका जड़ से नाश करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए ऑपरेशन सर्वशक्ति (Operation Sarvashakti) लॉन्च किया जा रहा है. इस ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर की पीर पंजाल पहाड़ियों में दोनों तरफ से एकसाथ आतंकियों को निशाना बनाने की रणनीति तैयार की गई है, जो हालिया महीनों में आतंकियों का सबसे बड़ा गढ़ रही है. 

पीर पंजाल के राजौरी-पुंछ सेक्टर में सबसे ज्यादा एक्टिविटी

पिछले कुछ महीनों के दौरान पीर पंजाल की पहाड़ियों के दक्षिणी हिस्से में पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों ने आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने की कोशिश की है. खासतौर पर राजौरी-पुंछ सेक्टर में भारतीय सेना पर लगातार हमले हो रहे हैं. इन हमलों में करीब 20 जवान शहीद हो चुके हैं. इनमें हाल ही में 21 दिसंबर को डेरा की गली इलाके में हुए हमले में 4 जवानों की शहादत भी शामिल है. भारतीय सेना ने इसी कारण पीर पंजाल की पहाड़ियों में ऑपरेशन सर्वशक्ति चलाने की तैयारी की है.

क्या होगा ऑपरेशन सर्वशक्ति के दौरान

ऑपरेशन सर्वशक्ति में भारतीय सेना की खास टीमें पीर पंजाल रेंज के दोनों हिस्सों पर एकसाथ आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन शुरू करेंगी. इनके साथ ही श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स और नगरोटा स्थित व्हाइट नाइट कॉर्प्स भी एकसाथ एंटी-टैरर ऑपरेशन चलाएंगी. जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF कमांडोज, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और इंटेलिजेंस एजेंसियां भी भारतीय सेना के साथ मिलकर पाकिस्तानी योजना को धूल में मिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे. खासतौर पर राजौरी-पुंछ सेक्टर में ये सब ज्यादा सक्रिय रहेंगे. नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी जम्मू और कश्मीर, दोनों इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की एकजुट कार्रवाई को कोऑर्डिनेट करेंगे.

21 साल पुराने अनुभव से प्रेरित है ऑपरेशन सर्वशक्ति

ऑपरेशन सर्वशक्ति शुरू करने की प्रेरणा साल 2003 में चलाए गए ऑपरेशन सर्पविनाश से मिली है. 21 साल पुराने ऑपरेशन सर्पविनाश के जरिये इसी दक्षिणी पीर पंजाल रेंज के इन्हीं इलाकों में आतंकियों को ठिकाने लगाया गया था. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कॉर्प्स कमांडर्स के साथ विस्तृत चर्चा के दौरान इस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों के सिर उठाने पर अंकुश लगाने की जरूरत जताई थी.

गृह मंत्री की हाई सिक्योरिटी मीटिंग के बाद बनी योजना

ऑपरेशन सर्वशक्ति का ब्लू प्रिंट उस हाईलेवल सिक्योरिटी मीटिंग में बना था, जो गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पिछले दिनों आयोजित हुई थी. मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना के उच्च अधिकारी और इंटेलिजेसी एजेंसियों के आला लोग भी शामिल थे. इस दौरान जम्मू-कश्मीर का हाई-लेवल सिक्योरिटी रिव्यू भी किया गया. 

सेना ने अतिरिक्त टीमों की तैनाती कर दी है शुरू

भारतीय सेना ने राजौरी-पुंछ सेक्टर में अतिरिक्त टीमों की तैनाती शुरू कर दी है. इस रणनीतिक मूव का मकसद आतंकवाद पर प्रभावी प्रहार करना है. हालिया आतंकी घटनाओं में आतंकवादियों की तरफ से उकसाने की कोशिश करने के बावजूद सुरक्षा बलों ने संयम दिखाय है. कृष्णा घाटी इलाके की एक घटना में भारतीय सेना ने आम लोगों की मौजूदगी के कारण आतंकियों पर जवाबी फायरिंग नहीं की. भारतीय सेना ने 21 दिसंबर के एनकाउंटर में आम नागरिकों की मौत के मामले में भी अपने अधिकारियों व जवानों के खिलाफ कठोर एक्शन लिया है ताकि आम जनता के बीच उसकी जवाबदेह वाली छवि बन सके और सेना पर बने विश्वास को पहुंचे नुकसान की भरपाई हो सके. 

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