श्रीलंका की Economy अचानक क्यों चरमराई, क्या इस पर है Ukraine War का असर? 

| Updated: Mar 21, 2022, 07:31 PM IST

क्यों डूब रही है श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की नैया? क्या यूक्रेन-रूस युद्ध से है इसका कोई सम्बन्ध?

डीएनए हिंदी : रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से न केवल जान-माल की क्षति हो रही है, यह दुनिया भर में आर्थिक मंदी का दौर लेकर भी आई है. इस मंदी के गहरे असर भारत के दक्षिण में बसे हिन्द महासागरीय देश श्रीलंका पर पड़ते नज़र आ रहे हैं. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था(Srilanka's Economy) लगातार बिगड़ती जा रही है. देश में आम खाद्य पदार्थों से लेकर ईंधन तक की क़ीमत में भीषण इज़ाफ़ा हुआ है. लोग लम्बी-लम्बी लाइन में लगकर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. इसी तरह की एक लम्बी लाइन में दो लोगों की मृत्यु होने की ख़बर भी आई है. क्या कारण है कि श्रीलंका के हाल इतने ख़राब हो गए हैं? 

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विदेशी निवेश घटने से बढ़ी महंगाई
श्रीलंका में इन्फ्लेशन की दर एशियाई देशों में सबसे अधिक लगभग 15% पर है. इसकी वजह से देश में महंगाई बढ़ती जा रही है. माना जा रहा है कि विदेशी निवेश घटने से ऐसे हालात पैदा हुए हैं. सरकार इस इन्फ्लेशन पर क़ाबू पाने की जी तोड़ कोशिशें कर रही है. इससे निबटने के लिए देश में ब्याज़ दर बढ़ा दिए गए हैं साथ ही उन चीज़ों के आयात पर रोक लगा दिया गया है जिनकी कोई ख़ास ज़रूरत नहीं. वर्तमान स्थितियों में देश के पास केवल 2 बिलियन USD का फॉरेक्स  रिज़र्व है जबकि इस साल देश के पर 7 बिलियन USD की देनदारी है. इस अवस्था ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था(Srilanka's Economy) की कमर तोड़ दी है. इससे पार पाने के लिए देश ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड(IMF) से उम्मीदें लगाई हैं, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने IMF से श्रीलंका की मदद करने की गुहार की है. 
 
 रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से हाल हुए और बुरे 
दूसरे विश्व युद्ध के बाद के सबसे ख़तरनाक युद्ध के असर श्रीलंका में बुरी तरह पड़ते नज़र आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में देश में पेट्रोलियम गैस(Natural Gas) की कीमत पचास प्रतिशत तक बढ़ गई है. ग़ौरतलब है कि श्रीलंका लगभग पिछले तीस सालों से गहन गृह युद्ध से जूझ रहा है.  इसका असर गाहे-बगाहे देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखता रहा है. लगभग सवा 2 करोड़ की आबादी वाले इस देश में दैनंदिनी में उपयोग की जाने वाली कई चीज़ें मसलन दवाई से लेकर ईंधन तक आयात की जाती हैं. ईंधन आयात इसके कुल आयात का 20% हिस्सा होता है. पिछले एक साल में इसकी क़ीमत में 88% का उछाल आया है. कच्चे तेल की क़ीमत में हुई बढ़त श्रीलंका की अर्थव्यवस्था(Srilanka's Economy) पर एक बोझ की तरह आई है. 

पर्यटन उद्योग पर गहराए काले बादल 
वर्ल्ड डाटा एटलस के अनुसार श्रीलंका के कुल जीडीपी(Srilanka GDP) का 12.9% हिस्सा इसे टूरिज्म बिज़नेस से आता है. यहां आने वाले पर्यटकों में तीस प्रतिशत रूस, यूक्रेन, बेलारूस और पोलैंड से होते हैं. यूक्रेन और रूस युद्ध की वजह से यहां से आने वाले टूरिस्ट की संख्या अचानक घट गई है. इसने पहले से आघात झेल रही श्रीलंकाई अर्थव्यस्था के लिए और मुश्किल पैदा कर दी है.