DNA एक्सप्लेनर : Teleprompter का इस्तेमाल करते हैं कौन से ब‌ड़े नेता? क्या होती है यह डिवाइस?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 18, 2022, 02:28 PM IST

टेलीप्रॉम्पटर किस तरह की डिवाइस होती है? क्या प्रधानमंत्री के अलावा भी अन्य नेता इसका इस्तेमाल करते हैं?

डीएनए हिंदी : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ देर के लिए हड़बड़ा गए थे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का टेलीप्रॉम्पटर ख़राब हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) के बारे में अक्सर कहा जाता है कि भिन्न भाषाओं में संवाद के लिए प्रधानमंत्री इस डिवाइस का उपयोग करते हैं. उनके अतिरिक्त भी कई नेता टेलीप्रॉम्पटर का खूब इस्तेमाल करते रहे हैं. इनमें अमेरिका के मैजिकल राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमिर पुतीन तक शामिल रहे हैं.

1952 से अमेरिकी प्रेसीडेंट इलेक्शन में हुआ था पहला इस्तेमाल

टेलीप्रॉम्पटर (Teleprompter) सरीखे तकनीक की शुरुआत लगभग 1948 में हुई थी. उस वक़्त एक एक्टर फ्रेड बर्टोन की नर्वसनेस को दूर करने के लिए सूटकेस में मोड़े हुए कागजों का पुलिंदा रखा गया था ताकि टीवी पर बोलते हुए जब वे भूल जाएं  तो उन्हें याद दिलाया जा सके. कभी-कभी क्यू कार्ड्स का भी इस्तेमाल होता था, पर एकदम ठीक कार्ड ढूंढ़ना अनावश्यक देरी करवा देता था. इससे निबटने के लिए बर्टोन 20 सेंचुरी फ़ॉक्स के मालिकों के पास गए. बर्टोन  का आइडिया क्यू कार्ड को मोटोराइज़्ड स्क्रोल से कनेक्ट करने का था ताकि बिना किसी गलती के एग्जैक्ट क्यू कार्ड पढ़ा जा सके. बेल्ट और पुली की सहायता से बड़े अक्षरों में तैयार किये गए रोल्ड पेपर को धीरे-धीरे अनरोल किया जाता और बर्टोन उसे पढ़ते जाते. 1949 में रोल्ड पेपर को मोटोराइज़्ड ढंग से पढ़ने में बर्टोन की मदद करने वाले इंजीनियर Schlalfly ने एक नये डिवाइस टेलीविजन  प्रॉम्प्टिंग एपरेटसके पेटेंट का एप्लिकेशन दिया. न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार यह एपरेटस टीवी पर काम करने वाले कलाकारों और कमेंटेटर को बिना कुछ भूले शब्द-दर-शब्द सही जानकारी देने में मदद कर रहा था. बाद में जेस ऑपेनहाइमर नाम के फिल्म निर्माता ने इन कैमरा टेलीप्रॉम्पटर का पेटेंट लिया. यह डिवाइस लेंस, मिरर और लाइट के सही प्लेसमेंट से काम करती थी और शब्दों को पढ़ने वालोंं को सही-सही दिखाती थी . इसे ही  मॉडर्न डे Teleprompter कहा गया. 

1952 से अमेरिकी प्रेसीडेंट (US president) इलेक्शन  में प्रेसीडेंट हरबर्ट हूबर ने अपने बार-बार भूल जाने की आदत से परेशान होकर इस तकनीक का इस्तेमाल किया था.

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जब राष्ट्रपति बराक ओबामा को स्क्रिपटेड प्रेसीडेंट कहकर बुलाया गया

इस तकनीक का इस्तेमाल का अमेरिकी राष्ट्रपति (US president  ) करते रहे हैं पर जिस तरह बराक ओबामा ने इसका इस्तेमाल किया, उस तरह उनके किसी पूर्ववर्ती ने नहीं किया था. रिपब्लिकन उनकी सबसे अधिक आलोचना इसी बात पर किया करते थे. 2009 में न्यू यॉर्क टाइम्स में एक आर्टिकल छपा था जिसकी हेड लाइन थी 'द (वेरी) स्क्रिपटेड प्रेसीडेंट'. इस आर्टिकल में विस्तार से ओबामा के द्वारा teleprompter के इस्तेमाल पर चर्चा की गयी थी. उनके कुछ सहयोगियों का मानना था कि वे इसका बेहतरीन इस्तेमाल करते रहे हैं जबकि कुछ लोगों ने उनके भाषण को ज़रूरत से अधिक ठहरा हुआ और आई कॉन्टैक्ट की कमी वाला बताया. माना जाता है कि ओबामा किसी भी तरह के एमबैरेसमेंट से बचने के लिए इसका अत्यधिक इस्तेमाल करते थे. कहा जाता है कि ओबामा के ठीक पूर्ववर्ती प्रेसीडेंट जॉर्ज डब्ल्यू बुश इंडेक्स कार्ड यूज़ किया करते थे.अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन वीडियो फीड का सहारा लेते हैं.

सेल फोन भी न रखने वाले पुतीन भी करते हैं कभी-कभी इसका इस्तेमाल

रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के बारे में कहा जाता है कि उन्हें चीज़ों पर नियंत्रण रखना पसंद है. यही कारण है कि वे अपने पास अधिकतर पेपर नोट्स रखते हैं. पुतीन के बारे में माना जाता है कि उन्हें आधुनिक तकनीक से चिढ़ है. वे सेलफोन भी नहीं रखते हैं पर कुछ अंग्रेज़ी भाषणों के दौरान उन्होंने teleprompter का इस्तेमाल किया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में पहली बार हिंदी भाषणों के लिये टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल किया

अपने अंग्रेजी भाषणों के लिये अक्सर ही टेलीप्रॉम्पटर (teleprompter ) का इस्तेमाल करने वाले प्रधानमंत्री मोदी (Prime minister Narendra Modi)  ने 2019 में हिंदी भाषण के लिए इसका पहली इस्तेमाल किया था. तब उनके तकनीक के इस इस्तेमाल का खूब स्वागत् किया गया था.

 

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