कहां है यूनिवर्सिटी में कपड़े उतारने वाली ईरानी महिला Ahoo Daryaei?

Written By बिलाल एम जाफ़री | Updated: Nov 04, 2024, 10:25 PM IST

तेहरान के प्रतिष्ठित इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अंदर बासिज पैरामिलिटरी फोर्स द्वारा परेशान की गई आहू दरयाई ने कैंपस  के बाहर सिर्फ अंडरवियर में आकर अपना विरोध दर्ज किया. घटना के बाद से ही Ahoo Daryaei गायब है.  ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस महिला के साथ ईरान ने क्या किया है? 

ईरान की एक युवा कॉलेज छात्रा का आने वाला वक़्त कैसा होगा? इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं. क्यों? वजह है उसका विरोध. जी हां छात्रा मुल्क के निजाम और वहां के कट्टरपंथ से त्रस्त हो गई थी परिणामस्वरूप उसने मुल्क के सख्त ड्रेस कोड का विरोध करने के लिए विश्वविद्यालय में अपने कपड़े उतार दिए.

अहू दरयाई नाम की इस महिला को तेहरान के प्रतिष्ठित इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अंदर बासिज अर्धसैनिक बल के सदस्यों द्वारा परेशान किया गया था.फोर्स के लोगों ने दरयाई के सिर का स्कार्फ़ और कपड़े फाड़ दिए - जिसके कारण उसने विश्वविद्यालय के बाहर सिर्फ अंडरवियर में आकर अपना विरोध दर्ज किया.

ध्यान रहे इस घटना के बाद ईरान में महिलाओं के लिए विवादास्पद ड्रेस कोड और उसपर यहां की 'नैतिकता पुलिस' का रवैया एक बार फिर दुनिया के सामने जाहिर हुआ है. 

चूंकि गिरफ्तारी के बाद से ही अहू दरयाई की कोई खबर नहीं है. इसलिए एक बड़ा सवाल जो हमारे सामने खड़ा हो रहा है वो ये कि आखिर दरियाई कहां है? साथ ही ये भी कि उसके बारे में नया अपडेट क्या है? जब हम इस पूरे मामले को करीब से देखते हैं तो खुद चीजें खुद-ब-खुद क्लियर हो जाती हैं.   

ध्यान रहे कि घटना के बाद से ही दरयाई लापता है. आखिरी बार लोगों ने उसे कुछ लोगों के साथ एक कार में जाते देखा. एबीसी ने ईरानी अख़बार फरहिख़तेगान के टेलीग्राम चैनल के हवाले से बताया कि दरयाई को पहले पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

यूनिवर्सिटी भी इस मामले में लगातार अपनी तरफ से  बयान जारी कर रही है जिसके बाद महिला को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं. आज़ाद विश्वविद्यालय के प्रवक्ता आमिर महज़ॉब ने एक्स पर लिखा कि, 'पुलिस स्टेशन पर... यह पाया गया कि वह गंभीर मानसिक दबाव में थी और उसे मानसिक विकार था.'

महज़ॉब के हवाले से कहा गया कि दो बच्चों की मां दरयाई मानसिक समस्याओं से पीड़ित थी. सीएनएन ने महज़ॉब के हवाले से कहा है कि महिला 'गंभीर मानसिक दबाव में थी और उसे मानसिक विकार था. '

दरयाई के बारे में जो जानकारी सामने आई है यदि उसपर यकीन किया जाए तो कहा यही जा रहा है कि वह अपने पति से अलग हो गई है. महजॉब ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा टीम ने 'छात्रों में से एक द्वारा की गई अभद्र हरकत के बाद' कार्रवाई की.

आउटलेट ने फरहीखतेगन के हवाले से बताया कि दरयाई को मानसिक स्वास्थ्य सुविधा में भर्ती कराया गया था. विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस कृत्य के 'वास्तविक मकसद' की अभी भी जांच चल रही है.  

वहीं इस मामले पर यूरोन्यूज ने अन्य समाचार स्रोतों के हवाले से बड़ा खुलासा किया है और बताया है कि दरयाई को खुफिया एजेंटों ने हिरासत में लेकर एक अज्ञात स्थान पर भेज दिया है. एबीसी के अनुसार, ईरान में प्रदर्शनकारियों को अक्सर अधिकारियों द्वारा मनोरोग केंद्रों में भर्ती कराया जाता है, और दिलचस्प ये कि यहां उन्हें 'अस्थिर' माना जाता है.

बताते चलें कि ईरान में अनिवार्य ड्रेस कोड के तहत, महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर पर दुपट्टा और ढीले-ढाले कपड़े पहनने का आदेश स्वयं सरकार द्वारा दिया गया है.  यदि कोई इसका पालन नहीं करता तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.  

गौरतलब है कि इस मामले ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. मामले पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि, 'ईरान के अधिकारियों को विश्वविद्यालय की छात्रा को तुरंत और बिना शर्त रिहा करना चाहिए, जिसे सुरक्षा अधिकारियों द्वारा अनिवार्य हिजाब के अपमानजनक प्रवर्तन के विरोध में अपने कपड़े उतारने के बाद हिंसक रूप से गिरफ्तार किया गया था.'

लंदन एमनेस्टी इंटरनेशनल जिसने पिछले कुछ वर्षों में ईरानी जेलों में महिलाओं के खिलाफ़ दुर्व्यवहार के आरोपों का लेखा-जोखा रखा है, ने कहा है कि,  उसकी रिहाई तक, अधिकारियों को उसे यातना और अन्य दुर्व्यवहार से बचाना चाहिए और परिवार और वकील तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए.

संस्था की तरफ से आगे यह भी कहा गया है कि, 'गिरफ़्तारी के दौरान उसके खिलाफ़ मारपीट और यौन हिंसा के आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है. '

ज्ञात हो कि ईरान की रूढ़िवादी फ़ार्स समाचार एजेंसी ने एक रिपोर्ट में इस घटना की पुष्टि की, जिसमें छात्रा की तस्वीर को बहुत धुंधला करके प्रकाशित किया गया था. इसमें कहा गया है कि छात्रा ने कक्षा में 'अनुचित कपड़े' पहने थे और ड्रेस कोड का पालन करने के लिए सुरक्षा गार्डों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद उसने 'कपड़े उतार दिए'.

वहीं 'गवाहों' का हवाला देते हुए, इस बात पर भी बल दिया गया कि सुरक्षा गार्डों ने छात्रा के साथ 'शांति से' बात की और उन रिपोर्टों का भी खंडन किया जिनमें कहा गया कि उनकी हरकतें आक्रामक थीं.

बहरहाल इस घटना ने ईरान में एक नए विद्रोह की आग को हवा दे दी है. चाहे वो फेसबुक हो या एक्स या फिर इंस्टाग्राम हर जगह लोग मुखर होकर अपनी बातें लिखकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. ईरानी महिलाएं  लगातार इस बात को दोहरा रही हैं कि ये एक ऐसा समय है जब हमें (महिलाओं को ) एक दूसरे को बिलकुल भी अकेला नहीं छोड़ना है. 

ज्ञात हो कि 2022 में ईरानी कुर्द महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद लगभग पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. उसे भी ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

महसा अमिनी की मौत से ईरानी महिलाएं सन्न रह गई थीं और उन्होंने अपने सिर के स्कार्फ़ हटाकर और कई मौकों पर उन्हें जलाकर वर्जनाओं को तोड़ा था. ईरानी सरकार भी इन महिलाओं के लिए सख्त हुई थी जिसके बाद  551 प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतारा गया वहीं हज़ारों महिलाओं को गिरफ्तरा किया गया था. 

खैर, अहू दरयाई का मामला अपने अंजाम तक पहुंचता है और उसे आज़ाद किया जाता है? इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है उसे देखकर इतना तो तह है कि अहू दरयाई की गिरफ्तारी ने ईरान में विरोध की आग को फिर चिंगारी दे दी है. 

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