डीएनए हिंदी: Anju Vs Seema- पहले पाकिस्तान की सीमा हैदर और अब भारत की अंजू. ये दोनों ही महिलाएं इस वक्त भारत-पाक मीडिया में छाई हुईं हैं. साथ ही साथ दोनों देशों की जनता को भी इनकी कहानियों में बड़ी रुचि है. इसके चलते आज हम बात करने जा रहे हैं सीमा और अंजू के केस के बारे में, जिसमें आपको ये समझाने की कोशिश रहेगी कि दोनों महिलाओं का असल में मसला क्या है. दोनों की कहानियां अलग होते हुए भी क्यों एक सी हैं और इसमें अब तक क्या ट्विस्ट और टर्न आए हैं. आइए 5 प्वाइंट में समझते हैं सीमा हैदर और अंजू का पूरा मामला...
1. कौन है अंजू और कैसे पहुंच गई पाकिस्तान
अंजू मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली है, लेकिन उसके ससुराल वाले राजस्थान के भिवाड़ी जिले में रहते हैं. 35 साल की अंजू एक निजी कंपनी में नौकरी करती है. उसकी मुलाकात फेसबुक के जरिये पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह निवासी 29 साल के नसरूल्लाह से हुई थी. फेसबुक पर बातचीत का सिलसिला धीरे-धीरे वर्चुअल प्यार में बदल गया. नतीजतन अंजू अपने पति को छोड़कर वीजा लेकर पाकिस्तान पहुंच गई है. पाकिस्तान में पहले उसे पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए हिरासत में ले लिया, लेकिन बाद में दस्तावेजों के सत्यापन के बाद रिहा कर दिया. अब अंजू नसरुल्लाह के घर दीर बाला में रह रही है और पुलिस उसे सुरक्षा भी दे रही है. उसने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि वह मंगनी के बाद वापस भारत लौटेगी और निकाह के लिए दोबारा पाकिस्तान जाएगी. हालांकि मंगलवार को ऐसी भी रिपोर्ट आई थी कि अंजू ने इस्लाम कबूल करने के बाद नसरुल्लाह से निकाह कर लिया है, लेकिन Zee News से फोन पर बातचीत में अंजू ने इन खबरों को गलत बताया था.
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2. सीमा हैदर की है अलग ही लव स्टोरी
सीमा हैदर पाकिस्तान के कराची की रहने वाली है. उसका पति गुलाम हैदर सऊदी अरब में काम करता है. सीमा हैदर के 4 बच्चे हैं. ऑनलाइन गेम पबजी खेलते समय साल 2020 में वो और नोएडा का सचिन मीणा आपस में मिले. दोनों के बीच व्हाट्सएप नंबर शेयर हुए और आपसी बातचीत प्यार में बदल गई. इस साल मार्च में सचिन और सीमा नेपाल में 7 दिन एकसाथ होटल में रहे. इसके बाद सीमा वापस पाकिस्तान गई और जून में अपने बच्चों को साथ लेकर पहले शारजाह और फिर वहां से काठमांडू आकर नेपाल के रास्ते भारत पहुंच गई. सीमा और सचिन अब नोएडा में एकसाथ रह रहे हैं. सीमा को जासूस होने के शक में खुफिया एजेंसियों ने हिरासत में लिया था, लेकिन फिर रिहा कर दिया था. हालांकि अब उसके खिलाफ कई सबूत मिलने पर उत्तर प्रदेश पुलिस का आतंक निरोधी दस्ता (ATS) दोबारा उससे पूछताछ कर रहा है.
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3. इंटरनेट की है दोनों लव स्टोरी में अहम भूमिका
अंजू और सीमा की लव स्टोरी में सबसे अहम एंगल इंटरनेट का है. दोनों ही अकेलेपन को दूर करने के लिए इंटरनेट का सहारा लेती थीं. इंटरनेट के जरिये ही दोनों की मुलाकात अपने-अपने प्रेमी से हुई. बोरियत दूर करने के लिए शुरू हुई बातचीत वर्चुअल प्यार में बदली, जो इस कदर सिर चढ़ा कि वे घर ही नहीं देश भी छोड़ने के लिए तैयार हो गईं.
4. वैध-अवैध होने का है दोनों की लव स्टोरी में अंतर
अंजू और सीमा हैदर की लव स्टोरी एक जैसी होते हुए भी आपस में बेहद अलग है. दरअसल अंजू जहां इस समय पूरी तरह कानूनी तरीके से पाकिस्तान में मौजूद है, क्योंकि वह बाकायदा दो साल इंतजार करने के बाद कानूनी तौर पर मिले वीजा के जरिये हवाई जहाज से पाकिस्तान पहुंची है. दूसरी तरफ, सीमा हैदर भारत में गैरकानूनी तरीके से घुसी हुई महिला के तौर पर मौजूद है, क्योंकि उसने कथित तौर पर वीजा नहीं मिलने के बाद गैरकानूनी तरीके से फर्जी दस्तावेजों के जरिये नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ की है.
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5. सीमा और अंजू, दोनों की राह में नागरिकता कानून की अड़चन
सीमा और अंजू, दोनों की ही लव स्टोरी की राह में भारत और पाकिस्तान के नागरिकता कानून एक अड़चन की तरह हैं. हालांकि सीमा के सिर पर अवैध तरीके से घुसने के चलते भी वापस पाकिस्तान डिपोर्ट किए जाने की तलवार लटक रही है, लेकिन यदि यह तलवार हट भी जाती है तो भी उसे भारत में रहने के लिए नागरिकता मिलना मुश्किल है. भारत और पाकिस्तान के नागरिकता कानून बहुत हद तक एकसमान हैं. पाकिस्तान के कानून के हिसाब से वहां पर जन्मे व्यक्ति के बच्चों को ही नागरिकता मिल सकती है. निकाह के मामले में पाकिस्तान का कानून थोड़ा लचीला है, लेकिन इसके बावजूद शर्तें इतनी कठिन हैं कि उन्हें पूरा करना लगभग असंभव ही होता है. इसके चलते भारत से वहां निकाह करने वालीं ज्यादातर महिलाएं लॉन्ग टर्म वीजा पर ही रह रही हैं.
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यही कहानी भारत की भी है. भारत का नागरिक होने के लिए भी यहां की धरती पर जन्म लेना अहम है. दूसरा तरीका यहां शरणार्थी के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराकर नागरिकता की अपील करना है. इसके लिए भारत में लॉन्ग टर्म वीजा पर कम से कम 7 साल रहना जरूरी है. हालांकि भारतीय उपमहाद्वीप (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका) से आने वाले शरणार्थियों को जल्द नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लाया गया है, लेकिन इसमें भी मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को ही शरण के आधार पर भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. भारत में पाकिस्तान से निकाह करके आने वाली महिलाओं के लिए नागरिकता पाना कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा यहां लॉन्ग टर्म वीजा पर 25-30 साल से रह रहीं दर्जनों महिलाओं की कहानी से लगाया जा सकता है.
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