Jharkhand News: कौन हैं चंपई सोरेन, जो बन सकते हैं झारखंड का अगला सीएम, क्यों कहलाते हैं 'झारखंड टाइगर'

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 31, 2024, 10:52 PM IST

Champai Soren को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है.

Who is Champai Soren: चंपई सोरेन झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उन्हें हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद विधायक दल का नेता चुना गया है.

डीएनए हिंदी: Jharkhand News- झारखंड में बुधवार को घटनाक्रम तेजी से बदला है. झारखंड भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देर शाम अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. उनकी जगह चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है. हेमंत सोरेन की कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री रहे चंपई सोरेन ने अब झारखंड का अगला मुख्यमंत्री बनने के लिए दावा पेश किया है. हालांकि मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का भी नाम चर्चा में था, लेकिन बताया जा रहा है कि कल्पना के नाम पर पार्टी के विधायकों में आम सहमति नहीं बन सकी है. इसके चलते ही हेमंत सोरेन ने पार्टी में बगावत टालने के लिए चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया है. आइए आपको बताते हैं कि चंपई सोरेन कौन हैं.

सरायकेला सीट से विधायक हैं चंपई सोरेन

67 साल के चंपई सोरेन झारखंड की सरायकेला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक हैं. फिलहाल वे हेमंत सोरेन की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. चंपई सोरेन तीन बार मंत्री बने हैं और अब राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्हें JMM के संस्थापक और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का दायां हाथ भी कहा जाता है. इस कारण हेमंत सोरेन भी उनका बेहद सम्मान करते हैं और कई मौकों पर हेमंत सोरेन को उनके पैर छूते हुए या फूल भेंट करते हुए भी देखा गया है. चंपई सोरेन JMM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं.

राजनीति में आने से पहले थे मामूली किसान

सरायरकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 को जन्मे चंपई सोरेन राजनीति में आने से पहले महज एक किसान थे और खेती-बाड़ी किया करते थे. उनके पिता का नाम माधव सोरेन और मां का नाम सेमल सोरेन है. चंपई सोरेन के तीन भाई और एक बहन है. उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. चंपई सोरेन की पत्नी का नाम मानको सोरेन है. उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.

अलग राज्य आंदोलन से मिला 'झारखंड टाइगर' नाम

बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने का आंदोलन शुरू होने पर चंपई की मुलाकात शिबू सोरेन से हुई. इसके बाद वे आंदोलन में उतर गए. उनके दबंग और प्रशासन से नहीं डरने वाले अंदाज के कारण लोग उन्हें 'झारखंड टाइगर' कहकर बुलाने लगे थे. आज भी वे इस नाम से मशहूर हैं. 

निर्दलीय लड़ा पहला चुनाव, फिर आए JMM में

चंपई सोरेन ने राजनीति में आगाज निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 1991 में की थी. उन्होंने सरायकेला सीट पर उपचुनाव में कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराकर तहलका मचा दिया. इसके बाद वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए. चंपई ने 1995 में JMM के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन 2000 में उन्हें भाजपा के अनंतराम टुडू ने हरा दिया था. साल 2005 में वे फिर से विधायक बने और इसके बाद से सरायकेला सीट पर उनका कब्जा बरकरार है. उन्होंने साल 2019 में यहां भाजपा के गणेश महाली को हराया था.

तीन बार रह चुके हैं मंत्री

चंपई सोरेन तीन बार राज्य में मंत्री रह चुके हैं. पहली बार उन्हें JMM के समर्थन से बनी भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कैबिनेट मंत्री बनाया था. वे 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद हेमंत सोरेन की अगुआई में बनी JMM की सरकार में उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्रालय दिए गए. साल 2019 में हेमंत सोरेन ने दोबारा अपनी सरकार बनाई तो चंपई को परिवहन के साथ ही अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय भी दिया गया. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.