कौन हैं हुन सेन, 38 साल बाद छोड़ रहे PM पद, बेटे को बना रहे प्रधानमंत्री

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 26, 2023, 02:29 PM IST

Hun Sen दुनिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता की टॉप पोस्ट संभालने वाले नेताओं में से एक हैं. (Photo- Reuters)

Who Is Hun Sen: कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन की पार्टी ने रविवार को चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की थी, लेकिन पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया था कि इन चुनावों में धांधली हुई है.

डीएनए हिंदी: कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन तीन दशक से भी ज्यादा समय के बाद अपना पद छोड़ने जा रहे हैं. करीब 38 साल से सत्ता संभाल रहे हुन सेन ने बुधवार को ऐलान किया कि वे अगले तीन सप्ताह में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने अपनी जगह अपने बड़े बेटे हुन मानेत को अगला प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा भी की है यानी सत्ता पर अब भी सेन परिवार का ही कब्जा बना रहेगा. पीएम हुन सेन की यह घोषणा उनकी कंबोडिया पीपुल्स पार्टी (CPP) के रविवार को हुए चुनाव में जबरदस्त तरीके से एकतरफा जीत हासिल करने के बाद आई है. इन चुनाव में कंबोडिया के मुख्य विपक्षी दल का लगभग सूपड़ा साफ हो गया है. हालांकि पश्चिमी देशों और स्वतंत्र संगठनों ने इन चुनावों में धांधली होने का आरोप लगाया है. CPP को इन चुनाव में 125 में से 120 सीट पर जीत मिली है.

चुनाव से पहले ही कहा था कि बेटे को सौंपेंगे सत्ता

हुन सेन ने चुनाव से पहले ही पद छोड़ने के संकेत दे दिए थे. उन्होंने कहा था कि वे जल्द ही अपने बड़े बेटे हुन मानेत को सत्ता सौंप देंगे. 45 साल के हुन मानेत फिलहाल कंबोडियाई सेना के चीफ हैं. उन्होंने पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की है. हुन मानेत ब्रिस्टल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी हैं. एशिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता संभालने का रिकॉर्ड बनाने वाले 70 वर्षीय सेन ने कहा, मैंने पद छोड़ने और हुन मानेत को अगला प्रधानमंत्री बनाने की जानकारी राजा नोरदम सिहामोनी को दे दी है. उन्होंने मेरे निर्णय को मंजूर कर लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य मंत्रियों की जगह भी नई पीढ़ी के नेताओं को तैनात किया जाएगा. चुनाव के बाद नई सरकार का शपथ ग्रहण 22 अगस्त को होने की संभावना है. 

भिक्षु की संतान से कंबोडिया की टॉप पोस्ट तक पहुंचे

कम्पोंग चाम में 1951 में जन्मे हुन सेन के पिता हुन नेआंग एक बौद्ध मठ में भिक्षु थे. साथ ही वे खेती-बाड़ी करते थे. कंबोडिया को फ्रांसीसी गुलामी से आजादी दिलाने के आंदोलन में हुन सेन के पिता ने हिस्सेदारी की. पैतृक रूप से हुन सेन के पिता चीनी-कंबोडियाई मूल के बेहद अमीर परिवार से थे. इस कारण उनके पास बहुत सारी संपत्ति थी. हालांकि एक विवाद में उन्हें बहुत सारी संपत्ति बेचनी पड़ी थी. हुन सेन ने 13 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था और राजधानी नामपेन्ह के एक मठ स्कूल में आ गए थे. इसके बाद 1970 में कंबोडिया में रक्तहीन तख्तापलट के बाद हुन सेन ने भी खमेर रूज का साथ पकड़ लिया. यहीं से वे राजनीति से जुड़ गए. हुन सेन का बचपन से नाम हुन बुनल था, जिसे उन्होंने 1970 की क्रांति के बाद बदलकर हुन सेन कर लिया था. 

1985 में बने कंबोडिया के प्रधानमंत्री, तब से नहीं छोड़ा पद

हुन सेन ने पहली बार 14 जनवरी, 1985 को कंबोडिया के प्रधानमंत्री पद पर शपथ ली थी. इसके बाद उन्होंने इस पद को कभी नहीं छोड़ा है यानी वे 38 साल से लगातार इस पद पर कायम हैं. इसके अलावा वे 1979 में कंबोडिया के विदेश मंत्री भी बन चुके हैं. हुन सेन ने 1976 में बुन रानी के साथ विवाह किया था, जिससे उनके 6 बच्चे हैं. 

सेना में भी दी है सेवा, लड़े हैं दो युद्ध

हुन सेन ने सेना में भी सेवा दी है. उन्होंने कंबोडिया की सेना में काम करते हुए वियतनाम युद्ध में हिस्सेदारी की है. साथ ही उन्होंने कंबोडियाई गृह युद्ध में भी शिरकत की थी. हालांकि हुन सेन की एक आंख में खराबी है. दरअसल बचपन में मुर्गे ने उनकी एक आंख में चोंच मार दी थी. इसके चलते उनकी एक आंख खराब है.

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