डीएनए हिंदी: Maharashtra News- महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले चार दिन से चल रहा हंगामा शुक्रवार को कुछ समय के लिए थम गया है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में पद से दिए इस्तीफे को वापस ले लिया है. उनके इस्तीफे के बाद करीब 4 दिन तक महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश की राजनीतिक निगाहें NCP के सियासी ड्रामे पर लगी रही हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस्तीफा देने और वापस लेने के इस खेल के जरिये शरद पवार ने अपने सियासी कद को और ज्यादा ऊंचा कर लिया है और वे पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरे हैं. साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों को भी ठिकाने लगा दिया है.
पढ़ें- Sharad Pawar Resignation: इस्तीफा देकर 'मजबूत' हुए शरद पवार बने रहेंगे NCP चीफ, घोषणा के दौरान अजित पवार रहे नदारद
सबको दिखा दी है अपनी ताकत
करीब 63 साल से राजनीति में सक्रिय शरद पवार की उम्र अब 82 साल है. उनके बेहद बुजुर्ग हो जाने के कारण राजनीतिक रूप से कमजोर होने के सवाल उठ रहे थे. NCP के अंदर ही कई लोग नेतृत्व परिवर्तन की दबे-छिपे मांग उठा रहे थे. इस बीच अचानक इस्तीफा देकर शरद पवार ने एक तरीके से अपनी ताकत सभी को दिखा दी है. पवार के इस्तीफे के बाद जिस तरह पूरे महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और उनका इस्तीफा वापस कराने के लिए जान तक देने की बात की गई. उससे पार्टी के अंदर और बाहर सभी को शरद पवार के जनसमर्थन का संदेश मिल गया है. उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की घोषणा करते समय भी बार-बार यही बात कही है कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं के प्यार और भावनाओं का अनादर नहीं कर सकते, जो उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने की मांग कर रहे हैं.
पढ़ें- पहले इस्तीफा, फिर विचार, अब कहा 'कमेटी का फैसला मंजूर', आखिर शरद पवार ने खेला ये कौनसा गेम?
पार्टी पर पकड़ कर ली है पहले से ज्यादा मजबूत
पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों तक के खुलेआम दिखाए गए समर्थन ने शरद पवार की पार्टी के अंदर एकछत्र हैसियत स्पष्ट कर दी है. इससे उनकी पार्टी पर पकड़ अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गई है यानी उनके ही निर्णय पूरी तरह सभी के लिए सर्वमान्य रहेंगे.
घर के 'भेदियों' को भी दे दिया संकेत
शरद पवार के इस्तीफे से पहले NCP में फूट की चर्चाएं चल रही थीं. उनके भतीजे अजित पवार के पिछले कुछ समय से पार्टी से मोहभंग होने की अफवाहें थीं. उनके भाजपा के साथ जुड़ने या NCP में दोफाड़ करने जैसी भी चर्चाएं थीं. इसके अलावा शरद पवार को अपनी बेटी सुप्रिया सुले से भी चुनौतियां मिल रही थीं, जो राजनीतिक रूप से बेहद महत्वाकांक्षी मानी जाती हैं. ऐसे में अचानक आए इस्तीफे के बाद पवार के समर्थन में उमड़े कार्यकर्ताओं के सैलाब ने उनके घर के इन 'भेदियों' को भी संकेत दे दिया है. सभी को स्पष्ट हो गया है कि पार्टी के अंदर फिलहाल शरद ही सार्वभौमिक नेता हैं. हालांकि अजित पवार उनके इस्तीफा लेने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस से गायब रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने स्पष्ट कहा है कि अजित पवार भी उस कमेटी में शामिल थे, जिसने सर्वसम्मति से शरद पवार का इस्तीफा वापस लेने का निर्णय पारित किया है.
पढ़ें- NCP समिति को शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर, अब उनके फैसले पर टिकी निगाहें, क्या करेंगे सुप्रिया सुले और अजीत पवार?
उत्तराधिकारी कौन होगा? इसका फैसला भी अब शरद करेंगे
हालांकि शरद पवार यह भी जानते हैं कि उनकी उम्र अब बहुत ज्यादा हो गई है और वे लंबे समय तक पार्टी की बागडोर बरकरार नहीं रख पाएंगे. इसी कारण उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराधिकारी तय किया जाएगा. इसके लिए योजना तय की जाएगी. उन्होंने सुप्रिया सुले के कार्यवाहक अध्यक्ष पद के लिए तैयार नहीं होने की बात कहकर यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जरूरी नहीं वे उत्तराधिकारी बनेंगी यानी अब यह तय है कि उत्तराधिकारी का फैसला अब पार्टी नहीं शरद ही करेंगे.
विरोधी चेहरों को ठिकाने लगाने का संकेत
शरद पवार ने उत्तराधिकारी तय करने की योजना बनाने से पहले संगठन में बदलाव के संकेत दिए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी, जो नया नेतृत्व तैयार करेंगी. इससे स्पष्ट है कि वे नए लोगों को बढ़ावा देने के नाम पर अपने विरोधी बन रहे बड़े चेहरों को बेहद आराम से खामोश करने के लिए तैयार हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.