डीएनए हिंदी: पंजाब के थर्मल प्लांट के लिए कोयला आजतक झारखंड की पचवारा माइन से आता था. अब यह 1,800 किलोमीटर के सफर के बाद यह कोयला 3 से 4 दिन में पंजाब में रेल मार्ग से पहुंच जाता था. अब इस रूट को अलविदा कहने का दिन आ गया है क्योंकि इसका रूट 4,000 किलोमीटर लंबा कर दिया गया है.
नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप हैं कि झारखंड के कोयला खादान से कोयला पहले श्रीकंला भेजा जाएगा, फिर वहां से गुजरात में अडानी ग्रुप के स्वामित्व वाले मुंद्रा पोर्ट पर इसे भेजा जाएगा. मुंद्रा पोर्ट से इस कोयले को रेल रूट के जरिए पंजाब लाया जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो न केवल दूरी बढ़ेगी, बल्कि इस पर होने वाला खर्च भी तीन गुना महंगा हो जाएगा.
केंद्र सरकार की ओर से कोयला सप्लाई का जो रूट तय किया गया है, उसे रेल शिप रेल (RSR) नाम दिया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पंजाब सरकार को एक पत्र भेजा है, जिसमें इस रूट से कोयला मंगाने का निर्देश दिया गया है. अब पंजाब सरकार अगर इस रूट को मंजूरी दे देती है तो एक टन कोयले के लिए करीब 1,800 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे.
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क्या है केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश?
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पंजाब सरकार को पूर्वी भारत से थर्मल प्लांट के लिए कोयला अगर मंगाना है तो झारखंड से समुद्र के रास्ते श्रीलंका के पास एक पोर्ट तक ले जाए, फिर गुजरात के मंद्रा पोर्ट लाए. मुंद्रा पोर्ट से कोयला रेल के जरिए पंजाब मंगाया जाए. यह रूट बेहद उल्टा है और इस पर सिर्फ अतिरिक्त व्यय होगा. इस रूट के सवाल पर ही बवाल मचा है. केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए इस रूट के खिलाफ विपक्ष ने हंगामा किया है. अग्र ऐसा हुआ तो पंजाब सरकार के लिए कोयले का दाम ठीक 3 गुना महंगा हो जाएगा.
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कितनी बढ़ेंगी कीमतें?
पंजाब सरकार अब तक महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) से कोयला मंगाती थी. यह कोयला रेल रूट के जरिए आता था. प्रति टन इस पर महज 4,950 रुपये खर्च होते हैं. 1,800 किलोमीटर का यह सफर ट्रेन 5 से 6 दिन में पूरा हो जाता है. अगर केंद्र की बात पंजाब सरकार मानती है तो यह सफर 5,800 किलोमीटर हो जाएगा. प्रतिटन कोयले की लागत करीब 6,750 रुपए बढ़ जाएगी. सफर में लगने वाला समय इतना बढ़ जाएगा कि राज्य में कोयले की किल्लत होने लगेगी. इस रूट के जरिए कोयला 20 से 25 दिन लेट पहुंचेगा.
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कितनी महंगी हो जाएगी बिजली?
अगर इस रूट के जरिए कोयला पंजाब आता है तो बिजली के दाम बढ़ जाएंगी. बिजली प्रति यूनिट
प्रति यूनिट 1.40 रुपए से ज्यादा महंगी हो जाएगी.
क्या लग रहे हैं केंद्र सरकार पर आरोप?
पंजाब सरकार के बिजली मंत्री हरभरजन सिंह ने कहा है कि सरकार कोयला अडानी पोर्ट से मंगाने का दबाव बना रही है. यह सिर्फ उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश है. विपक्षी दल भी कह रहे हैं कि अडानी ग्रुप को बचाने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है. इस पर सियासी हंगामा मचा है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
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