डीएनए हिंदीः रक्षा के क्षेत्र में भारत तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है. उसके बेड़े में ऐसे कई अत्याधुनिक हथियारों को शामिल किया जा रहा है जिनका निर्माण देश में ही हो रहा है. डिफेंस सेक्टर को पूरी तरह आत्मनिरर्भर बनाने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है. हाल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को एफ-इंसास (F-INSAS), एके-203 राइफल (AK-203), एंटी पर्सनल माइन, बोट और ड्रोन समेत कई स्वदेशी हथियार सौंपे. इन हथियारों को काफी मारक बताया जा रहा है. भारतीय सेना में इन हथियारों के शामिल होने के बाद उसकी मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.
एके-203 (AK-203)
एके सीरीज की यह असॉल्ट राइफल अपनी मारक क्षमता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. एके-203 (AK-203) को रूस के सहयोग से भारत में ही तैयार किया जा रहा है. इन राइफल का निर्माण उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया गया है. भारत ने रूस के साथ इसके लिए 500 करोड़ रुपये की डील की है. इसके तहत भारत कुल 7 लाख राइफलों का निर्माण करेगा. AK सीरीज की यह पहली बंदूक है जिसे भारत में बनाया जा रहा है.
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क्या है एके-203 (AK-203) की खासियत
एके-203 को इसे दुनिया का सबसे आधुनिक और खतरनाक राइफल माना जाता है. यह AK-47 का ही आधुनिक रूप है. हालांकि यह एके-47 से लंबाई में कम और वजन में भी हल्की है. इससे हर सेकंड 10 गोलियां दागी जा सकती हैं. राइफल के ऊपर एक होलोग्राफिक लेंस भी लगेगा. इससे 200 मीटर तक बिल्कुल सटीक निशाना लगाया जा सकता है. हालांकि इसकी सटीक रेंज 300 मीटर तक है. बिना मैग्जीन के इसका वजन करीब 4 किलो है. इसकी एक मैग्जीन नें 30 गोलियां आती हैं.
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F-INSAS की खासियत
एफ इंसास (F-INSAS) हर मौसम में काम करने वाली यह तकनीक दुश्मनों का काल मानी जाती है. इसकी रेंज से बच पाना आसान नहीं होता है. F-INSAS को 'फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर ऐज अ सिस्टम' है. दरअसल यह एक तरह का प्रोजेक्ट होता है. इसके तहत सैनिकों को हाईटेक तकनीक से लैस किया जाता है. सैनिक के पास वह सभी अत्याधुनिक और हल्के हथियार होते हैं जिनकी किसी मिशन में जरूरत होती है. सैनिकों को एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से भी लैस किया जाता है. इसमें बैलिस्टिक हेलमेट और बैलिस्टिक गॉगल्स शामिल होता है. यह दुनिया की सबसे हाईटेक तकनीक है. सैनिकों के हेलमेट में खास नाइट विजन तकनीक से युक्त डिवाइस भी लगाया जाता है. सैनिकों को बुलेट प्रूफ जैकेट दी जाती है जिससे वह दुश्मनों की गोलियां का सामना कर सकें. इन हेलमेट और जैकेट को पहले सैनिक को एके-47 की गोलियां भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती हैं.
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