BBC documentary row: 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' पर क्यों बरपा है हंगामा, आमने-सामने BJP-कांग्रेस, BBC की डॉक्यूमेंट्री में ऐसा क्या है?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 22, 2023, 03:13 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credit @BJP/twitter)

BBC documentary row: 2002 के गुजरात दंगों के इर्द-गिर्द घूमती BBC की डॉक्यूमेंट्री ने देश में बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया है.

डीएनए हिंदी: ब्रिटिश न्यूज एजेंसी बीबीसी (BBC) की एक डॉक्यूमेंट्री  'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन'  को लेकर भारत में जमकर हंगामा बरपा है. डॉक्यूमेंट्री पर भड़के विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. देश में इसकी स्क्रीनिंग रोकने पर कांग्रेस, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रही है. अब इस पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.

विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का शीर्षक 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' .  यह एक दो पार्ट की एक फिल्म सीरीज है. 2002 गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी यह डॉक्यूमेंट्री, तब के राजनीतिक हालात को बयां करती है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को ब्रिटेन में प्रसारित हुआ था. अगला एपिसोड 24 जनवरी को प्रसारित होने जा रहा है, जिसकी स्क्रीनिंग रोक दी गई है. पहले एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती राजनीतिक जीवन को दिखाया गया है कि कैसे वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने. इस डॉक्यूमेंट्री में उनके खिलाफ कई बातें दिखाई गई हैं. 

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BBC की डॉक्यूमेंट्री में क्या है खास?

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात कार्यकाल को लेकर सवाल खडे़ किए गए हैं. जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी साल 2002 में दंगे भड़के थे. इस दंगे में करीब 2,000 लोग मारे गए थे. इसी को लेकर नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए गए हैं. दावा किया गया है कि यह पूरी तरह से शोधपरक रिपोर्टिंग है, जो हिंसा की सही तस्वीर दिखा रही है. 

क्या है भारत का रिएक्शन?

'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जारी करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यह एक प्रौपेगैंडा पीस है. इसका उद्देश्य एक तरह का नजरिया पेश करना है, जिसे लोग पहले ही नकार चुके हैं. इस फिल्म को बनाने वाली एजेंसी और व्यक्ति इसी नजरिए को दोबारा दिखाना चाहते हैं. भारत ने इस डॉक्यूमेंट्री पर कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता का अभाव है, जिसकी वजह से देश में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोक दी गई है. केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री की क्लिप दिखाने वाले ट्विटर और यूट्यूब चैनलों के खिलाफ आदेश जारी किया है. केंद्र सरकार ने दोनों सोशल मीडिया हैंडल से संबंधित खातों को ब्लॉक करने की अपील भी की है.

क्यों भड़का है कांग्रेस-बीजेपी के बीच विवाद?

देश में डॉक्यूमेंट्री की सेंसरशिप के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्र के फैसले को लेकर सवाल खड़े किए हैं.  कांग्रेस नेता जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर सेंसरशिप का आरोप लगाया है.

'प्रधानमंत्री और उनके गुणगान करने वाले कहते हैं कि मोदी पर BBC की नई डॉक्यूमेंट्री दुर्भावनापूर्ण है. इस पर सेंसरशिप लगा दी गई है. तो फिर वाजपेयी क्यों 2002 में उनका निष्कासन चाहते थे, केवल दबाव बनाने के लिए, आडवाणी की ओर से इस्तीफे की धमकी के चलते जोर न देने के लिए? वाजपेयी ने उन्हें उनके राजधर्म की याद क्यों दिलाई?'

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डेरेक ओ ब्रायन ने दावा किया है कि यह डॉक्यूमेंट्री पीएम मोदी को बेनकाब कर रही है. उन्होंने कहा, 'सेंसरशिप. ट्विटर और ट्विटर इंडिया ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर मेरे ट्वीट को हटा दिया है. इसे लाखों लोगों ने देखा है. 1 घंटे के डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे पीएम अल्पसंख्यकों से नफरत करते हैं.' 
 

 

 

क्यों हटाई गई है डॉक्यूमेंट्री?

सूत्रों के मुताबिक इस डॉक्यूमेंट्री को हटाने के पीछे भारत-ब्रिटेन संबंध माने जा रहे हैं. यह डॉक्यूमेंट्री कथित तौर पर भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर कर रही है. यह भारत के विदेशी राज्यों के साथ मैत्रिपूर्ण संबंधों को भी खराब कर सकती है. देश के भीतर भी सार्वजनिक व्यवस्था पर यह गलत असर डाल सकती है. यही वजह है कि इसे हटा लिया गया है.

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