देश के किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर है. MSP पर गारंटी कानून और अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. एसकेएम अन्य किसान संगठनों के साथ देशभर में प्रदर्शन करेगा. अब सवाल ये है कि जब किसान पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं तो संयुक्त किसान मोर्चा ने यह बंद क्यों बुलाया है?
दरअसल, किसानों के इस 'दिल्ली चलो' मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा शामिल नहीं है. इस आंदोलन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा (KMM) कर रहा है. केएमएम पहले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का ही हिस्सा हुआ करता था. लेकिन 2020-21 में कृषि कानूनों को लेकर हुए आंदोलन के बाद यह संगठन अलग हो गया.
जिन मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद बुलाया है, उन्हीं मांगों को लेकर किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली के लिए कूच कर रहा है. ग्रामीण भारत बंद के पीछे एसकेएम का मकसद लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है. 2020-21 के दौरान जब कृषि के तीन बिलों को लेकर आंदोलन शुरू हुआ था, तब SKM ने ही इसका नेतृत्व किया था. तब सरकार को पीछे हटते हुए तीनों बिलों को निरस्त करना पड़ा था और किसानों की सभी बातें माननी पड़ी थी.
क्या है भारत बंद की वजह?
एसकेएम की मांग है कि सरकार MSP पर गारंटी कानून बनाए. इसके अलावा किसानों के लिए पेंशन, पुरानी फसल स्कीम, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, पीएसयू का निजीकरण और रोजगार की गारंटी पर सरकार कानून बनाए. हालांकि इन्हीं मांगों को पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे हैं. उनकी भी मांगों में भी यही मुद्दे शामिल हैं.
कितने बजे से रहेगा बंद?
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 16 फरवरी को सुबह 6 बजे से शाम के 4 बजे तक ग्रामीण बंद रहेगा. इस दौरान गांवों में कृषि गतिविधियां, मनरेगा कार्य और ग्रामीण कार्यों को बंद रखा जाएगा. कोई भी किसान खेती या मजदूरी पर नहीं जाएगा. SKM ने ऐलान किया कि किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में मुख्य सड़कों पर चक्का जाम किया जाएगा और रेलवे ट्रैक को भी रोकने का प्रयास होगा.
क्या-क्या रहेगा बंद?
एसकेएम द्वारा दिशा निर्देश में कहा गया कि 16 फरवरी को सब्जियों और अन्य फसलों की आपूर्ति, खरीद और बिक्री निलंबित रहेंगी. सब्जी मंडियों, अनाज मंडियों, सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों, ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी संस्थानों और निजी प्रतिष्ठानों को बंद रखा जाएगा. शहरों की दुकानों और प्रतिष्ठानों को भी बंद किया जाएगा. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस, समाचार पत्र वितरण, शादी विवाह, मेडिकल की दुकानें, बोर्ड परीक्षाएं देने जा रहे छात्रों को नहीं रोका जाएगा.
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