लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के पांचवें फेज (Phase-5) के मतदान (Voting) को लेकर चुनावी सरगर्मियां बेहद तेज हो गई हैं. पांचवें फेज में यूपी की 14, महाराष्ट्र की 13, पश्चिमी बंगाल की 7, ओडिशा की 5, बिहार की 5, जम्मू कश्मीर और लदाख की एक-एक और झारखंड की 3 सीटों पर वोटिंग होगी. बिहार (Bihar) की सभी 5 सीटें बेहद प्रभावशाली हैं. आज हम पांचवें फेज के मतदान को लेकर बिहार के सियासी समीकरण को तफसील से समझने का प्रयत्न करते हैं.
पांचों सीटों की है अपनी खास अहमियत
पांचवें फेज में बिहार की पांच लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होंगे. इन पांच सीटों में सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर शामिल हैं. इनपर अपना परचम लहराने के लिए सभी सियासी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है. इस चरण में आने वाली सीटों की बात की जाए तो मुजफ्फरपुर और हाजीपुर के अलावा सभी सीटों पर पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद पर ही दांव लगाया है. वहीं विपक्ष ने बाकी की सीटों पर नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. सारण लोकसभा साट की बात करें तो बीजेपी के उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी की सीधी भिड़ंत राजद की रोहिणी आचार्य के साथ होने जा रही है. राजद की तरफ से रोहिणी के तौर पर बड़ा दांव खेला गया है. इस लोकसभा चुनाव के माध्यम से उनका राजनीतिक डेब्यू हुआ है. इस सीट पर लालू यादव परिवार की साख भी दांव पर लगी हुई है.
हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के क्या हैं हाल?
हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर भी माहौल काफी गर्म है. इस सीट पर एनडीए के प्रत्याशी चिराग पासवान की सीधी लड़ाई राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम के साथ है. चिराग अपनी पार्टी लोजपा (राम विलास) के टिकट पर मैदान में उतरे हुए हैं. इस सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने यहां से जीत हासिल की थी. ये पहला मौका है जब चिराग पासवान हाजीपुर की सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मुजफ्फरपुर की लोकसभा सीट की बात करें तो दोनों ही प्रत्याशी पुराने हैं, लेकिन दोनों ही प्रत्याशियो ने अपनी पार्टियां बदल ली है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के अजय निषाद ने विकासशील इंसान पार्टी के राजभूषण मुजफ्फरपुर को हराया था. इसबार दोनों ही अलग-अलग पार्टियों से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इस चुनाव में अजय निषाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं राजभूषण चौधरी बीजेपी से मैदान में उतरे हैं. अजय निषाद की राजनीतिक विरासत की बात करें तो वो पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जय नारायण निषाद के पुत्र हैं.
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क्या है मिथिला का चुनावी समीकरण?
इस फेज में मिथिला की दो लोकसभा की सीटों पर मतदान होंगे. ये मधुबनी और सीतामढ़ी की दो सीटें हैं. सीतामढ़ी में नए-नवेले प्रत्याशी के तौर पर जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर चुनावी जंग में शरीक हैं. उनका मुकाबला राजद के अर्जुन राय से होने जा रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने राजद के अर्जुन राय को करारी शिकस्त दी थी. वहीं, अगर मधुबनी की बात करें तो तो यहां मुकाबले में बीजेपी की तरफ से अशोक यादव प्रत्याशी हैं, उनके खिलाफ मौदान में राजद से अली अशरफ फातमी मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो पिछली बार यहां से बीजेपी के अशोक यादव ने विकासशील इंसान पार्टी के बद्री पूर्वे को करारी शिकस्त दी थी. अशोक यादव बीजेपी के कद्दावर नेता हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र हैं.
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