डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है. विपक्षी एकता के बाद वह हर मुद्दे पर फूंक-फूंककर कदम रख रही है. मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने हाल में बेंगलुरू में दूसरी मीटिंग की थी, जहां उन्होंने अपने गठबंधन का नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस यानी INDIA रखने का ऐलान किया था. इसके बाद बीजेपी ने 'इंडिया' नाम से विपक्षी दलों पर हमले करने शुरू कर दिए थे. लेकिन अब भाजपा ने 'INDIA' नाम से बचने की रणनीति बनाई है.
सूत्रों के मुताबिक, सत्ताधारी बीजेपी के नेता अब विपक्षी गठबंधन को 'INDIA' से नहीं UPA के नाम से ही पुकारेगी. पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं के लिए तय कर दिया है कि वो विपक्षी गठबंधन पर INDIA के नाम से नहीं, बल्कि UPA कहकर निशाना साधें. फिर चाहे प्रेस कॉन्फ्रेंस हो या टीवी डिबेट्स हर जगह विपक्षी गठबंधन को यूपीए ही कहकर पुकारें. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों ने जानबूझकर अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा ताकि पुराने कारनामों पर पर्दा डालकर यूपीए की छवि को छुपाया जा सके.
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बीजेपी का कहना है कि विपक्ष चाहता है कि उसको इंडिया के नाम से पुकारा जाए, लेकिन पार्टी इस ट्रैप में नहीं फंसेगी. बीजेपी विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस के घोटाले के बारे में जनता को बताती रहेगी. इसलिए विपक्षी दलों को यूपीए के नाम से ही बुलाया जाएगा.
'INDIA' नाम न लेने की पीछे BJP की क्या है वजह?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसके पीछे बीजेपी की बड़ी वजह है. दरअसल मोदी सरकार की कई योजनाओं से इंडिया नाम जुड़ा है. फिर चाहे डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया क्यों ना हो. बीजेपी को इंडिया नाम से विपक्षी दलों पर हमला करने में मुश्किल हो रही है. वह विपक्ष के नेताओं की इंडिया नाम से खिल्ली भी नहीं उड़ा पा रही है. INDIA का मतलब भारत से भी है. ऐसे में उसका विरोध जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में जब विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि इंडिया नाम रखने से छवि नहीं बदल जाती. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था और इंडियन मुजाहिद्दीन ने नाम में भी इंडिया है. उनका यह बयान भी बीजेपी के लिए उलटा पड़ा था. इंडिया नाम का आंतकी संगठन से तुलना करने पर सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़ आ गई थी. जिसमें सरकार की योजनाओं से लेकर भाजपा नेताओं के ट्विटर हैंडल के नाम के साथ INDIA जुड़े रहने के फोटो शेयर किए जाने लगे थे.
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कांग्रेस ने भी किया था पलटवार
प्रधानमंत्री के इस बयान को कांग्रेस ने भी लपककर लिया था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा था कि हम मणिपुर पर बात करना चाहते हैं जो जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं. खड़गे ने ट्वीट किया, 'आपको धधकता मणिपुर नजर नहीं आ रहा, नॉर्थ ईस्ट पर Act East Policy नहीं दिख रही लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी दिख रही है. यह मत भूलिए इस इंडिया ने इंडियन मुजाहिद्दीन और ईस्ट इंडिया कंपनी दोनों को हराया था.'
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