डीएनए हिंदी: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) वेरिएंट बी.एफ7 (BF.7) की वजह से कोविड (Covid-19) महामारी इतने खतरनाक स्तर पर फैली है. देश में आने वाले 40 दिन बेहद संवेदनशील होने वाले हैं. अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो स्थितियां बिगड़ सकती हैं. जनवरी में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिल सकता है. हालांकि राहत की बात यह है कि अगर कोविड लहर आती भी है तो मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम बेहद कम होगी, क्योंकि भारत में अधिकांश लोगों को टीका लगाया गया है. कोविड की पहली, दूसरी और तीसरी लहर में बनी प्राकृतिक प्रतिरक्षा भी कोविड के खिलाफ लड़ाई में मददगार साबित होगी.
सरकार अगले 40 दिनों को महत्वपूर्ण इसलिए मान रही है क्योंकि तीन लहरों से यही सबक सीखने को मिला है. ओमिक्रोन वेरिएंट की वजह से आई लहर के दौरान यह बात सामने आई थी कि कोविड अब भारत में महामारी जैसी स्थिति पैदा नहीं कर सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पहले पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नई लहर आई थी. यह एक ट्रेंड रहा है. एक हेल्थ एक्सपर्ट् ने कहा कि भारत में स्थिति चीन से अलग है क्योंकि यहां काफी संख्या में लोग वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और व्यापक स्तर पर टीकाकरण भी हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 की बड़ी लहर आने की संभावना बहुत कम है.
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बिना लॉकडाउन स्थितियों से कैसे निपटेगी सरकार?
सरकार बिना पाबंदियों के ही कोविड संक्रमण को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले इंटरनेशनल पैसेंजर्स के लिए अगले सप्ताह से 'एयर सुविधा' फॉर्म भरना और 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर जांच कराना अनिवार्य किया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक पिछले दो दिनों में, भारत आए 6,000 यात्रियों का कोविड-19 टेस्ट कराया गया, जिनमें 39 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया दिल्ली एयर पोर्ट पर कोविड-19 जांच सुविधाओं का जायजा लेने के लिए गुरुवार को वहां का दौरा करेंगे.
अगर रहे सतर्क तो महामारी नहीं मचाएगी तबाही
चीन और दक्षिण कोरिया सहित कुछ देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बीच सरकार ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करने को कहा है.
इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर सरकार की कड़ी नजर
कोविड के मामले बढ़ने के बाद, सरकार ने शनिवार से हर इंटरनेशनल फ्लाइट में आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत यात्रियों की रैंडम जांच अनिवार्य कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड के मामलों में तेजी की स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठकें की हैं.
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कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने की किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को देश भर के अस्पतालों में 'मॉक ड्रिल' की गई. वहीं, मनसुख मांडविया ने कहा कि विश्व में कोविड के मामले बढ़ने के मद्देनजर देश सतर्कता बरत रहा है और इससे निपटने के लिए तैयार है.
क्यों बढ़ रहे हैं दुनियाभर में कोविड के केस?
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 से मामलों में हालिया इजाफा हुआ है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएफ.7 के फैलने की दर बहुत अधिक है और एक संक्रमित व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है. CASIR के इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भारत में कोविड की बड़ी लहर आने की संभावना बहुत कम है.
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भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे में शिक्षण कार्य से जुड़े सत्यजीत रथ ने कहा, 'यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि चीन में स्थिति भारत के लिए कुछ भविष्यवाणी करेगी. चीन में ऐसे हालात तीन साल से अपनाई जा रही शून्य-कोविड नीतियों की वजह से है.' चीन में पिछले कुछ सप्ताह में हर दिन लाखों लोग कोविड संक्रमित हो रहे हैं.
अगले 40 दिन हैं बेहद अहम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को भारत में 0.14 प्रतिशत की दैनिक संक्रमण दर और 0.18 प्रतिशत की साप्ताहिक संक्रमण दर के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के 188 नए मामले सामने आए. सरकार अगले 40 दिनों पर बेहद कड़ी नजर रख रही है. (इनपुट: PTI)
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