क्या आम आदमी की तरह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी ले सकते हैं छुट्टी? गैरमौजूदगी में कौन संभालता है काम, यहां जानें

Written By कुलदीप सिंह | Updated: Aug 10, 2022, 01:13 PM IST

देश को संभालने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास होती है. यह दोनों देश के प्रमुख संवैधानिक पद हैं. आपात स्थिति में इनकी भूमिका और ज्यादा बढ़ जाती है. 

डीएनए हिंदीः अगर आप भी नौकरीपेशा हैं त्योहार के नजदीक आते ही छुट्टी की चाहत देखने को मिलती है. साप्ताहिक छुट्टी का भी इंतजार रहता है. क्या सभी आपके मन में सवाल आया है कि भारत के राष्ट्रपति (President) और प्रधानमंत्री (Prime Ministers) को भी आप की तरह की छुट्टियां मिलती हैं? आपको लगता होगा कि ये दोनों तो जब चाहे छुट्टी ले सकते हैं. आपने यह भी सुना होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पद संभालने के बाद से अभी तक एक भी छुट्टी नहीं ली है. इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं. 
 
राष्ट्रपति के पास कितनी छुट्टियां होती हैं? 
राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है. उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. इसलिये उन्हें कई सारी सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं. वेतन के रूप में उन्हें हर महीने 5 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा भोजन, कर्मचारियों और राष्ट्रपति से मिलने वाले मेहमानों के स्वागत के लिये अलग से पैसा दिया जाता है. राष्ट्रपति को कुछ छुट्टियां भी दा जाती है. वह अपने परिवार के साथ हैदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलायम और शिमला स्थित रिट्रीट बिल्डिंग में आराम के कुछ पल बिता सकते हैं.  

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देश के प्रधानमंत्री को कितनी छुट्टियां मिलती हैं?
देश को चलाने की असली जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के पास ही होती है. मंत्रीमंडल में हेरफ़ेर, सत्ता पलट, युद्ध-शांति और आपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. प्रधानमंत्री की छुट्टी को लेकर आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री हमेशा ऑन ड्यूटी रहते हैं. लिहाजा, देश के प्रधानमंत्री के लिए किसी भी तरह की आधिकारिक छुट्टी का प्रावधान नहीं है. पीएमओ का जवाब था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की छुट्टियों का उसके पास कोई रिकार्ड नहीं हैं. यहां तक कि पिछले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने छुट्टियां लीं या नहीं इसका भी कोई रिकार्ड ही नहीं है. गौरतलब है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम बार कहा कि मैंने एक भी छुट्टी नहीं ली. मैं बिना छुट्टी लिये रोज 18 घंटे काम करता हूं.

इन प्रधानमंत्रियों ने ली छुट्टियां  
RTI अर्जी पर PMO ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री को छुट्टी दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्रियों ने जरूरत के समय छुट्टियां ली हैं. 1986 में राजीव गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने किसी न किसी वजह से छुट्टी ली थी. 1986 में राजीव गांधी ने बतौर प्राइम मिनिस्टर छुट्टी तब ली थी, जब वो राजस्थान में रणथम्भौर नेशनल पार्क देखने गए थे. अटल बिहारी वाजपेयी भी दिसंबर के आखिर में छुट्टी पर रहते थे. ऐसे में अगर देखें को पिछले करीब 35 साल में मोदी ऐसे पहले पीएम बन गए हैं जिन्होंने अब तक के कार्यकाल में एक भी छुट्टी नहीं ली है. 2009 की शुरुआत में मनमोहन सिंह हार्ट सर्जरी के लिए छुट्टी पर थे, तब उन्होंने अपनी जगह प्रणब मुखर्जी को चार्ज दिया था.  इसी तरह जब मोदी देश से बाहर होते हैं तो अमित शाह कैबिनेट की मीटिंग लेते हैं. 

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छुट्टी को लेकर क्या है नियम? 
आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने कहा कि इस बारे में कोई रिकॉर्ड हमारे पास मौजूद नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि मोदी ने चार्ज लेने के बाद से अब तक कोई छुट्टी नहीं ली है. आरटीआई में ये भी कहा गया है कि टेक्निकली प्राइम मिनिस्टर कभी छुट्टी पर नहीं रहते. जानकारी के मुताबिक पीएम और केंद्र सरकार के मंत्रियों के लिए छुट्टी को लेकर को नियम नहीं हैं. इसके लिए कभी लीव एप्लिकेशन भी नहीं भेजी जाती. 

प्रधानमंत्री की छुट्टी के बाद कौन देखता है काम?
प्रधानमंत्री बीमार हैं या किसी अन्य कारण से वे अपने कार्य नहीं कर सकते तो वे पार्टी के किसी अन्य सदस्य को पद का कार्यभार सौंप सकते हैं. जब पीएम ऑफिस में नहीं होते या कोई बड़ा फैसला नहीं लेना होता, तब कैबिनेट सेक्रेटरी एक नोट तैयार करता है. इस नोट में बताया जाता है कि पीएम की गैरमौजूदगी में दूसरा सबसे सीनियर मिनिस्टर कैबिनेट मीटिंग लेगा. प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. हालांकि प्रधानमंत्री की आकस्मित मृत्यु के बाद राष्ट्रपति खुद या अपनी सलाह के किसी अन्य मंत्री को इस पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं. 

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राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में कौन देखता है काम?
राष्ट्रपति की ग़ैरमौजूदगी में उनके कार्यभार का जिम्मा उप-राष्ट्रपति के पास होता है. राष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफा, बर्खास्तगी या अन्य कारणों से हुई राष्ट्रपति के पद की नैमित्तिक रिक्ति की स्थिति में नए राष्ट्रपति का निर्वाचन होने तक, जो किसी भी स्थिति में रिक्ति होने की तारीख से छह माह के बाद नहीं होगा, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है.

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