Earthquakes: दिल्ली-NCR में बार-बार क्यों आता है भूकंप, कितना खतरनाक है ये जोन, क्या बड़ी तबाही के हैं संकेत?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 23, 2023, 12:01 PM IST

भूकंप से बार-बार कांपती है दिल्ली-एनसीआर की जमीन.

भूकंप पृथ्वी के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों में हुई हलचल की वजह से आता है. उत्तर भारत में हाल के दिनों में भूकंप हर महीने आ रहा है.

डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के तेज झटकों से मंगलवार को दहल गई. अफगानिस्तान में भीषण भूकंप आया था, जिसका असर दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम तक दिखाई दिया. कई सेकंड तक तेजी से धरती हिलती रही. यह अभी तक का भीषण भूकंप था. अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 6.6 तीव्रता के भूकंप की वजह से दिल्ली भी कांप उठी.

दिल्ली-एनसीआर समेत भारत में पिछले कुछ महीनों से लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं. भारत में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं, क्या ये किसी बड़े खतरे के संकेत तो नहीं हैं, आइए जानते हैं.

क्यों आता है भूकंप?

भूकंप पृथ्वी के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों में पैदा हुई गतिविधि की वजह से आता है. जैसे ही प्लेटें टकराती हैं, कंपन होता है, यही कंपन ऊपरी सतह पर भूकंप कहलाता है. ये प्लेटें पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत 'क्रस्ट' के अंदर गहराई में होती हैं. जब पृथ्वी की सतह के दो खंड एक दूसरे के विपरीत गति करते हैं तब भूकंप आता है.

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भूकंप 'फोकस' से पैदा होता है. यह भू-पर्पटी के अंदर स्थित होता है. फोकस से जमीन के निकटतम जगह को 'अधिकेन्द्र' कहते हैं. जब फोकस पर बल लगता है तब भूकंपीय तरंगें उस बिंदु से सभी दिशाओं में बाहर और निकल पड़ती हैं. 

कहां आते हैं सबसे ज्यादा भूकंप?

भारत के उत्तरी क्षेत्र में हिमालय, सबसे नवीनतम प्लेट है. भारतीय प्लेट नेपाली प्लेट की ओर आगे बढ़ गया, जिसकी वजह से हिमालय का निर्माण हुआ. हिमालय उत्तर भारत से पूर्वोत्तर भारत के बीच स्थित है. भारत के इन क्षेत्रों में अक्सर भूकंप आता है. भारत और नेपाल का यह हिस्सा दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है. दोनों प्लेटों के टकराने से भी दोनों देश भूकंप की चपेट में आते हैं.

भारत सरकार के मुताबिक देश के करीब 59 फीसदी भू-भाग ऐसे हैं, जहां भूकंप आने की आशंका सबसे अधिक है. यहां अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.

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देश के भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र के अनुसार, कुल क्षेत्र को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है. जोन V भूकंप के लिहाज से सबसे सक्रिय इलाके हैं. जोन II में भूकंप आने की आशंका सबसे कम है. 8 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 'जोन-5' में हैं और उन्हें सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप का खतरा है. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र जोन IV में है.

भूकंप के लिहाज से कौन सी जगह, कितनी खतरनाक?

जोन V: 11% (सबसे सक्रिय)
जोन IV: 18%
जोन III: 30%
जोन II: 41% (सबसे कम सक्रिय)

क्या बार-बार भूकंप का आना है खतरनाक?

भूकंप के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर जोन 4 में आता है. यहां भूकंप का खतरा 18 फीसदी है. यही वजह है कि यहां बार-बार भूकंप आता है. यहां आने वाला भूकंप कितना खतरनाक होगा, इसका सटीक अनुमान लगा पाना बेहद मुश्किल है. हर बार अलग-अलग तीव्रता का भूकंप आता है. अगर भूकंप रिक्टर स्केल पर 7 तीव्रता का आता है तो यहां विनाशकारी स्थिति पैदा हो सकती है. 

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