हाल ही में गिरफ्तार किए गए यूट्यूबर एल्विश यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. अब एल्विश यादव के दो दोस्तों विनय और ईश्वर को भी गिरफ्तार किया गया है. एल्विश यादव के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. अब पुलिस ने उन धाराओं में बदलाव किया है जिनके तहत एल्विश के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इससे पहले, एल्विश यादव के वकील ने कहा था कि सभी आरोप गलत हैं क्योंकि एल्विश यादव के पास से कोई भी ड्रग्स बरामद नहीं किया गया था.
एल्विश यादव के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) की धारा 8, धारा 20, धारा 27A, धारा 29, धारा 30 और धारा 31 के तहत केस दर्ज किया गया था. अगर एल्विश पर दोष साबित होता है तो 20 साल तक की सजा हो सकती है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि एल्विश को जल्दी जमानत मिल पाना मुश्किल है.
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क्यों बदली गई धारा?
नोएडा पुलिस ने बुधवार को एल्विश यादव को सूरजपुर कोर्ट में पेश किया गया. अब पुलिस ने उनके खिलाफ लगाई गई धारा 20 को बदलकर 22 कर दिया गया है. धारा 22 तब लगाई जाती है जब किसी भी ऐसी औषधि को बेचने या खरीदने का मामला सामने आता है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया हो.
उदाहरण के लिए सांप के जहर का इस्तेमाल दवा बनाने में होता है, उसके लिए लाइसेंस की जरूरत होती है. हालांकि, इसका इस्तेमाल नशे के लिए नहीं किया जा सकता है. धारा 8 के तहत नारकोटिक्स ड्रग्स खरीदना, बेचना या उसका इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.
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वहीं, NDPS एक्ट की धारा 20 के तहत तब केस दर्ज किया जाता है जब किसी शख्स को मारिजुआना के साथ पकड़ा जाता है. इसके अलावा, किसी अन्य नशीले पदार्थ की तस्करी के मामलों में भी यही धारा लगाई जाती है. एल्विश यादव के खिलाफ पहले यही धारा लगाई गई थी. हालांकि, बाद में पुलिस को एहसास हुआ कि सांपों के जहर के संबंध में धारा 22 लगाई जा सकती है इसीलिए यह बदलाव कर दिया गया.
इसके तहत, दोषी पाए गए शख्स को 1 से लेकर 20 साल तक की सजा हो सकती है. NDPS एक्ट की धारा 27 के तहत अलग-अलग मामलों में सजा कम या ज्यादा की जा सकती है. इसके तहत अधिकतम सजा 20 साल की हो सकती है.
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