डीएनए हिंदी: गर्भाशय (सर्वाइकल) कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है. ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने इसके खिलाफ पहली स्वदेशी वैक्सीन इजाद की है. इसको मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास भेजा गया है. इस पर आज एसईसी चर्चा करेगी.
DGCI के पास मंजूरी के लिए भेजी गई वैक्सीन
कंपनी ने वैक्सीन को बाजार में उतारने के लिए डीसीजीआई में आवेदन भेजा था. QHPV वैक्सीन के लिए यह आवेदन 8 जून को सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया था.
मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास भेजा गया है. इस पर एक्सपर्टी कमेटी हर पहलू पर चर्चा करेगी. अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो देश में लाखों महिलाओं के लिए यह राहत की बात होगी.
इस साल लॉन्च हो सकती है वैक्सीन
डीसीजीआई को आवेदन में सभी खुराक और आयु समूहों में एचपीवी (HPV) प्रकारों के खिलाफ वैक्सीन की एंटीबॉडी (Antibodies) प्रतिक्रिया का उल्लेख किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन के 2022 के अंत से पहले बाजार में लॉन्च होने की उम्मीद है.
दूसरा टेस्ट भी सफल
QHPV सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत की पहली स्वदेशी रूप से तैयार की गई वैक्सीन है. देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से दूसरे चरण का टेस्ट पूरा करने के बाद बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.
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क्या है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी के मुंह का कैंसर होता है. सर्वाइकल कैंसर विश्व में महिलाओं में होने वाला चौथा आम कैंसर है जबकि भारत में यह महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन या डब्लयूएचओ के अनुसार सर्वाइकल कैंसर विश्व में महिलाओं में होने वाला चौथा आम कैंसर है और आकलन के मुताबिक साल 2020 में इस कैंसर के 6,04,000 नए मामले सामने आए थे और इससे 3,42,000 महिलाओं की मौत हुई थी.
आम तौर पर इस कैंसर के लक्षण शुरुआती दौर में नहीं दिखते हैं और बीमारी जब काफी फैल जाती है तभी इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं. अगर वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो महिलाओं को होने वाले कैंसर के इलाज की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है.
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सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन दूसरे देशों से आयात होती है
भारत में अब तक सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन दूसरे देशों से आयात की जात है. सरकारी वैक्सीन कार्यक्रम के तहत यह वैक्सीन निशुल्क नहीं लगती है. दूसरे देशों से आयात होने की वजह से इसकी कीमत भी काफी ज्यादा है और छोटे शहरों और गांवों तक इसकी पहुंच काफी सीमित है.
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मोदी सरकार स्वास्थ्य कार्यक्रमों को विस्तार देने की योजना के तहत सर्वाइकल वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है.
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