Donald Trump की किस मामले में हुई गिरफ्तारी, क्या हैं आरोप? जानिए सबकुछ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 25, 2023, 11:36 AM IST

Donald Trump

Donald Trump Arrested: डोनाल्ड ट्रंप को जेल से रिहा होने के लिए 2 लाख डॉलर का भारी भरकम जमानती बॉन्ड भरना पड़ा है. इस बॉन्ड में उनके लिए कई शर्तें रखी गईं.

डीएनए हिंदी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अटलांटा की फुल्टन काउंटी जेल में सरेंडर कर दिया. जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, 2 लाख रुपये के मुचकले पर पूर्व राष्ट्रपति को 20 मिनट बाद रिहा कर दिया गया. ट्रंप को 2020 के चुनाव के फैसले को पलटने की कोशिश का दोषी माना गया है.

डोनाल्ड ट्रंप को जेल से रिहा होने के लिए 2 लाख डॉलर का भारी भरकम जमानती बॉन्ड भरना पड़ा है. इस बॉन्ड में उनके लिए कई शर्तें रखी गईं. इनमें अहम शर्त यह कि ट्रंप को कहा गया कि वह किसी भी गवाह को न डराएंगे, न धमकाएंगे और न ही उनसे किसी तरह का संपर्क करने की कोशिश करेंगे.

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ट्रंप पर चल रहे कई मामले
हालांकि, यह पहला मामला नहीं है, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया हो. इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार अभियोग लगाया गया और गिरफ्तार भी किया गया था. ट्रंप पर चुनावी धांधली के अलावा और भी कई केस हैं. 6 जनवरी 2021 के कैपिटल हिल पर हमला करवाने का आरोप भी है. इसके अलावा एक एडल्ट फिल्म स्टार को उनके अफेयर के बारे में चुप रहने के लिए पैसे देने और क्लासिफाइड डाक्यूमेंट्स अपने पास रखने के भी उन पर आरोप हैं. इन अभियोगों और इसके बाद हुई गिरफ़्तारियों ने डोनाल्ड ट्रंप को इस तरह के कानूनी खतरे का सामना करने वाला एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति बना दिया. 

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किस मामले में हुई गिरफ्तारी
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में धांधलीबाजी करने का आरोप है. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने जॉर्जिया में चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में कराने के प्रयास किया था. उन पर लगे इन आरोपों की जांच कर रहे विशेष वकील ने 45 पेज की चार्जशीट की दायर की थी. इस चार्जशीट में शिकायत सही मानते हुए 4 आरोप लगाए गए थे. इस मामले में ट्रंप पर अभियोग लाया गया था. जिसमें ट्रंप के खिलाफ मुकदमा चलाने का प्रस्ताव पास हुआ.

पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ 45 पेज के अभियोग में कहा गया था कि हारने के बावजूद, झूठे दावों और झूठ की मदद से सत्ता में बने रहने के लिए वो दृढ़ थे. डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगाए गए अभियोग में कहा गया, 'ये दावे झूठे थे, और वो जानते थे कि सब झूठ है.'

दरअसल, अमेरिका में नवंबर 2020 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. जब परिमाम आए तो डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि मेरी जीत हुई है लेकिन मतगणना के दौरान गड़बड़ी की गई. ट्रंप के इस झूठ के कारण 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल में हिंसा भड़क गई थी. ट्रंप के समर्थकों ने व्हाइट हाउस में घुसकर तोड़फोड़ की और अधिकारियों पर हमला कर चुनावी गितनी में बाधा डालने की कोशिश की थी.

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इस मामले के विशेष अभियोजक और ट्रंप द्वारा गोपनीय कागजात के दुरुपयोग के मामले में जैक स्मिथ ने आरोपों की घोषणा करते हुए कहा, '6 जनवरी, 2021 को हमारे देश की राजधानी पर हमला, अमेरिकी लोकतंत्र पर एक अभूतपूर्व हमला था. इसे प्रतिवादी द्वारा झूठ सिर्फ झूठ से बढ़ावा दिया गया था.'

ट्रंप ने कहा-चुनाव से रोकने का प्रयास
ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट के साथ अभियोग का जवाब दिया, जिसे उन्होंने लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर प्रतिबंधित होने के बाद लॉन्च किया था. उन्होंने लिखा है, 'उन्होंने यह हास्यास्पद मामला ढाई साल पहले क्यों नहीं लाया? वे इसे मेरे राष्ट्रपति अभियान में शामिल होने के ठीक बीच में लाना चाहते थे, इसीलिए.'

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