ये है महेंद्रगिरी, भारत का ऐसा चलता फिरता हथियार जिसे देख छूट जाएंगे दुश्मनों के पसीने

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 31, 2023, 01:58 PM IST

frigate mahendragiri indian navy

Mahendragiri in Indian Navy: महेंद्रगिरी में 2 एके-630एम सीआईडब्ल्यूएस गन लगी हैं, जो दुश्मन के जहाज, हेलिकॉप्टर, बोट्स या मिसाइल को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है.

डीएनए हिंदी: समुद्र में भारत की ताकत और बढ़ने वाली है. भारतीय नौसेना के बेड़े में युद्धपोत महेंद्रगिरि को शामिल करने की तैयारी पूरी हो गई है. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में 1 सितंबर 2023 को महेंद्रगिरि को लॉन्च किया जाएगा. इसे युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित महेंद्रगिरि का मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में जलावतरण किया जाएगा. यह ऐसा युद्धपोत है जिसे देखकर दुश्मनों के भी पसीने छूट जाएंगे.

महेंद्रगिरि पोत का नाम ओडिशा स्थित पूर्वी घाट की एक पर्वत शिखर के नाम पर रखा गया है. यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट का 7वां युद्धपोत है. यह प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स के बाद के हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, एडवांस हथियार और सेंसर हैं. नौसेना ने कहा कि महेंद्रगिरि टेक्नीकल रूप से एडवांस्ड जंगी पोत है और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने संबंधी भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.

30 समुद्री मील प्रति घंटा स्पीड
महेंद्रगिरि को भारतीय नौसेना के ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे उन्नत अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर, संचार सुविधाओं और अन्‍य प्रणालियों से सुसज्जित बनाया गया है. महेंद्रगिरि की कील जून 2022 में रखी गई थी और पिछले संस्करणों की तरह, इसे एकीकृत निर्माण पद्धति के साथ बनाया जा रहा है. पी-17ए श्रृंखला की कुल लागत 27,500 करोड़ रुपये है और एमडीएल मुंबई इस श्रेणी के 7 जहाजों में से 4 का निर्माण कर रहा है. महेंद्रगिरि को लगभग 149 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा बनाया गया है. इसका विस्‍थापन लगभग 6,600 टन का और इसकी स्पीड 30 समुद्री मील प्रति घंटे की होगी.

महेंद्रगिरि में ये हथियार दुश्मनों के छुड़ाएंगे पसीने
युद्धपोत महेंद्रगिरि में 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स लगे हैं. यानी इससे 72 रॉकेट्स एक साथ दागे जा सकते हैं. इसके आलावा इसमें एक 76 मिलिमीटर की ऑटो मेलारा नौसैनिक गन लगी है. दूसरी तरफ 2 एके-630एम सीआईडब्ल्यूएस गन लगी है, जो दुश्मन के जहाज, हेलिकॉप्टर, बोट्स या मिसाइल को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है. इसी जंगी जहाज में 2 ध्रुव हेलिकॉप्टर या दो सी किंग MK हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं.

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जहाज का हल बनाने में उपयोग किया जाने वाला स्टील स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249A है, जो सेल द्वारा निर्मित एक निम्न-कार्बन माइक्रो-मिश्र धातु ग्रेड स्टील है. पी-17अल्‍फा जहाज भारतीय नौसेना द्वारा संचालित किसी भी अन्य युद्धपोत की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हैं और शक्तिशाली हथियारों और सेंसर पैकेजों से लैस है जो तीन आयामों - हवा में, समुद्र की सतह पर और समुद्र में पानी के भीतर खतरों को बेअसर करने में सक्षम हैं. देश में डिजाइन किए गए महेंद्रगिरि में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, एडवांस कार्रवाई सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्व स्तरीय मॉड्यूलर रहने की जगह, परिष्कृत बिजली वितरण प्रणाली और अन्य आधुनिक विशेषताएं होंगी.

समुद्र में ये बढ़ाएंगे भारत की ताकत
P-17 अल्‍फा क्‍लास का पहला जहाज 'नीलगिरि' में सितंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और 2024 के मध्य के आसपास इसका समुद्री परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है. इसी श्रेणी में दूसरा जहाज 'उदयगिरि' मई 2022 में लॉन्च किया गया था जिसका समुद्री परीक्षण 2024 के उत्‍तरार्द्ध में होना तय है. तीसरा जहाज 'तारागिरी' सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया था और डिलीवरी अगस्त 2025 तक होने की उम्मीद है.

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Mahendragiri Indian Navy Jagdeep Dhankar