डीएनए हिंदी: हमास के आतंकियों ने लंबे समय से गाजा पर हमला कर रखा है. हर बार वह इजरायल पर हमला करता है, इजरायल पलटवार करता है और गाजा के आम लोग भी इसका शिकार बनते हैं. इन सबमें गाजा की एक खास सीक्रेट सुरंग भी हर बार चर्चा में आती है. किसी और मकसद से बनाई गई इस सुरंग का इस्तेमाल हमास के आतंकी खुद को छिपाने और आतंकी गतिविधियों में करते हैं. यही वजह है कि इस बार इजरायल इस सुरंग के पीछे पड़ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल इस बार सुरंग उड़ाने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, ताकि इनमें छिपे आतंकियों को बाहर निकाला जा सके. चर्चा है कि हमास ने जिन इजरायली लोगों को बंधक बनाया है उन्हें भी इन्हीं सुरंगों में छिपाकर रखा गया है.
हमास के आतंकी इजरायली बंधकों का इस्तेमाल कवर के तौर पर कर रहे हैं. उन्होंने इजरायल को धमकी भी दी है कि अगर हमले नहीं रोके गए तो इजरायली लोगों को एक-एक करके मारा जाएगा. यही वजह है कि इजरायली सेना एकतरफा हमला करने से थोड़ा हिचक रही है. हमास का भी यही मानना है कि इजरायल अपने लोगों पर हमला नहीं करेगा. हालांकि, इजरायल ने हमास को खत्म करने के लिए लाखों सैनिक उतार दिए हैं और खुलकर हवाई हमले किए जा रहे हैं.
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कहां हैं ये सुरंगें?
सुरंगों का यह विस्तृत जाल पूरे गाजा इलाके में फैला हुआ है. हमास के आतंकी इन्हीं सुरंगों से अपना आतंक का कारोबार चलाते हैं. इन्हीं में वे अपना कमांड सेंटर चलाते हैं, हथियार छिपाते हैं और रॉकेट लॉन्चर भी यहीं रखे जाते हैं. इसमें से कई सुरंगे ऐसी हैं जो गाजा से होते हुए इजरायल की सीमा तक जाती हैं. यही वजह है कि हमास के आतंकी इजरायलियों का अपहरण कर लेते हैं और आसानी से इन सुरंगों के जरिए आम लोगों का अपहरण करके गायब हो जाते हैं. यही वजह है कि दक्षिणी इजरायल के लोग हमेशा डर के साए में जीते हैं.
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हमास इन सुरंगों के जरिए फिलिस्तीनी लोगों को भी परेशान करता है. घनी बस्तियों वाले इलाकों में ये सुरंगे बनाई जाती हैं और इनकी ओपनिंग स्कूलों, अस्पतालों, मस्जिदों और आम इमारतों में छिपाई जाती है. हमास इन तरीकों का इस्तेमाल करता है क्योंकि उसका मानना है कि इजरायल स्कूलों और अस्पतालों पर हमला नहीं करेगा और हर हाल में उसकी सुरंगें सुरक्षित रहेंगी. कई सुरगें ऐसी भी मिली हैं जो गाजा से इजरायल के अंदर तक थीं.
कैसे बनाई गईं ये सुरंगें?
हमास ने अरबों रुपये खर्च करके ये सुरंगें और इनका नेटवर्क तैयार किया है. हर महीने सिविल प्रोजेक्ट के लिए इजरायल कंस्ट्रक्शन मटीरियल भेजता है. हमास इनका इस्तेमाल सुरंगें बनाने में कर डालता है. यही वजह है कि गाजा में कई इमारतें अधूरी ही पड़ी रह जाती हैं और हमास अपनी इस अंडरग्राउंड सिटी का विस्तार करता रहता है.
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लंबे समय से इजरायल इन सुरंगों को खोजकर उन्हें उड़ाता और नष्ट करता रहा है. साल 2017 में ही इजरायल ने ऐसी 33 सुरंगों का पता लगाया और इनमें से कई सुरंगों को उसने तबाह भी कर दिया. 10 से 20 मीटर गहराई में बनी ये सुरंगें 1.9 मीटर चौड़ी और 1.7 मीटर ऊंची होती हैं. इनमें खाने-पीने की चीजों से लेकर कई तरह के आधुनिक इंतजाम भी किए जाते हैं ताकि कई-कई दिनों तक ये आतंकी इन सुरंगों में छिप सकें.
अब इजरायल ने बंकर और सुरंगें उड़ाने वाले सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. इन बमों में धमाका करने से पहले इन्हें जमीन में गहरा गाड़ दिया जाता है और फिर ब्लास्ट किया जाता है. ये बम दो चरण में फटते हैं, पहला हिस्सा कम ताकतवर होता है जिसके धमाके के बाद बम का बड़ा हिस्सा जमीन की गहराई में चला जाता है. इसके बाद दूसरा धमाका नीचे जाकर कुछ देर बाद होता है और सुरंगों को उड़ा देता है.
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