डीएनए हिंदी: रामनवमी पर महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में हिंसक झड़पों के बाद, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हनुमान जन्मोत्सव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर एडवाइजरी जारी की है. दिल्ली में हनुमान जयंती से पहले जहांगीरपुरी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
पश्चिम बंगाल में रामनवमी हिंसा के बाद और कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से ममता बनर्जी सरकार को सुझाए गए सुरक्षा उपायों पर देशभर चर्चा कर रहा है. कैसे पुलिस के सामने ऐसी हिंसा भड़की, जो जानलेवा हो गई.
पश्चिम बंगाल में हिंसक झड़प के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में शांति की अपील की. हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से हिंसा पर जानकारी मांगी थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. हाई कोर्ट ने तब बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि वह धार्मिक जुलूसों का रोडमैप तैयार करे और सही सुरक्षा मुहैया कराए.
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कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर पुलिसकर्मियों की कमी है तो केंद्र से सुरक्षा बल मांगे जाएं. हनुमान जयंती से पहले हाई कोर्ट ने सीएम ममता बनर्जी से त्योहार के लिए किए गए सुरक्षा इंतजामों की जानकारी देने को कहा है.
भगवान भरोसे नागरिकों की सुरक्षा!
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने कहा कि अगर जुलूसों के दौरान कानून व्यवस्था तोड़ी जाती है तो इसके लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा, जुलूस के पूरे मार्ग पर कोई बैरिकेडिंग नहीं होगी, बल्कि केवल संवेदनशील क्षेत्रों में ही होगी.आयोजकों को अपने जुलूस की जानकारी प्रशासन को देनी होगी.
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पश्चिम बंगाल वैसे भी हिंसा के लिए बेहद संवेदनशील जगहों में शुमार है. अब अगर पूरे राज्य में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था नहीं मुहैया कराई गई तो फिर हिंसा भड़कने के आसार हैं. कानून व्यवस्था के लिए सरकार जिम्मेदार होती है, आयोजक नहीं. ममता बनर्जी का यह रुख हैरान करने वाला है.
हुगली, बैरकपुर और कोलकाता में बढ़ाई गई सुरक्षा
पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को हुगली, बैरकपुर और कोलकाता के तीन जिलों में हनुमान जयंती समारोह के दौरान अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का फैसला किया, जिससे उत्सव के दौरान हिंसा या मामूली झड़पों की किसी भी घटना को रोका जा सके.
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