Haryana Elections 2024: हरियाणा में अब तक इन पार्टियों की बन चुकी सरकारें, जानें कौन-कौन रह चुके सीएम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 04, 2024, 01:56 PM IST

​​​​​​​Haryana Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक ओर कांग्रेस सत्ता में वापसी की राह देख रही है, वहीं भाजपा अपनी हैट्रिक लगाने की उम्मीद लेकर चुनावी मैदान में है. आज इस लेख में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि हरियाणा की सियासत में किसका और कितने समय तक राज रहा है.

Haryana Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनावों का प्रचार-प्रसार समाप्त हो चुका है, अब सभी दल मतदान की तारीख का इंतजार कर रहे हैं. राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि 8 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी. उस दिन यह स्पष्ट हो पाएगा कि हरियाणा में अगली सरकार किसकी बनने जा रही है. लेकिन इस चुनावी हलचल के बीच यह जानना बेहद जरूरी है कि राज्य की राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या रही है, अब तक किस पार्टी का दबदबा रहा है, और किस मुख्यमंत्री ने राज्य का नेतृत्व किया है.

हरियाणा का राजनीतिक इतिहास
हरियाणा को 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग करके एक नए राज्य का दर्जा मिला था. इस राज्य का गठन भारत के राजनीतिक नक्शे में एक महत्वपूर्ण घटना थी. गठन के बाद से ही हरियाणा की राजनीति में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रभाव रहा, लेकिन समय-समय पर अन्य दलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से किसी भी दल को बहुमत के लिए 46 सीटें हासिल करनी होती हैं. राज्य के गठन के बाद 1967 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और भगवत दयाल शर्मा हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनका कार्यकाल महज 142 दिनों तक चला.

हरियाणा की राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर
हरियाणा की राजनीति में 1977 का चुनाव एक बड़ा मोड़ था. यह चुनाव देश में आपातकाल लागू होने के बाद हुआ था, जिसमें कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा. जनता पार्टी ने 90 में से 75 सीटों पर जीत हासिल की और देवीलाल मुख्यमंत्री बने. इस जीत के साथ देवीलाल ने हरियाणा की राजनीति में नए युग की शुरुआत की.


यह भी पढ़ें : Haryana Election 2024: हरियाणा में कितना अहम है दलित वोट? BSP और ASP की एंट्री BJP या Congress किसके लिए घातक

कांग्रेस का दबदबा
साल 2000 से लेकर 2014 तक हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस का दबदबा रहा. 2005 और 2009 के चुनावों में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया, और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. हुड्डा के कार्यकाल में राज्य में कई विकास योजनाएं शुरू हुईं, जिन्हें आज भी एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखा जाता है.

भाजपा का उदय
2014 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहली बार हरियाणा की राजनीति में बड़ी जीत दर्ज की. 47 सीटों के साथ भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया. खट्टर हरियाणा के पहले गैर-जाट मुख्यमंत्री बने. यह चुनाव जातिगत राजनीति के प्रभाव को चुनौती देने वाला साबित हुआ और भाजपा ने जाट समुदाय के परे जाकर अपने वोट बैंक का विस्तार किया.

त्रिकोणीय मुकाबला 
2019 का चुनाव हरियाणा की राजनीति में और भी दिलचस्प हो गया. भाजपा को 40 सीटें मिलीं, जो बहुमत से 6 सीटें कम थीं. कांग्रेस ने 31 सीटें जीतीं, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की. इस त्रिकोणीय मुकाबले के बाद, भाजपा ने जेजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर को फिर से मुख्यमंत्री चुना गया. हालांकि, इस कार्यकाल के दौरान खट्टर को बीच में ही मुख्यमंत्री पद से हटाकर नायाब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया. बाद में खट्टर को केंद्र सरकार में मंत्री पद सौंपा गया, जिससे राज्य की राजनीति में एक बार फिर बदलाव देखने को मिला.

आइये एक नजर हरियाणा के अब तक के मुख्यमंत्री पर डालते हैं.

2024 के लिए क्या कहते है समीकरण

हरियाणा की राजनीति में जातिगत समीकरण का हमेशा से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है.जाट समुदाय का प्रभाव राज्य की राजनीति को दशकों तक प्रभावित करता रहा है. लेकिन 2014 के बाद भाजपा ने इस समीकरण को तोड़ते हुए जाति के पार जाकर अपना वोट बैंक तैयार किया. अब 2024 का चुनाव हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक और बदलाव ला सकता है. भाजपा के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह अपने वोट बैंक को बनाए रख पाएगी या फिर कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल मिलकर भाजपा के सामने चुनौती खड़ी करेंगे.

यह भी पढ़ें : क्या Haryana Elections पर असर डालेगा Gurmeet Ram Rahim का पैरोल पर बाहर आना?

किसके पाले में आएगा सिंहासन

बहरहाल, हरियाणा के विधानसभा चुनाव राज्य की राजनीति को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय है. कांग्रेस और इनेलो के बाद, भाजपा ने यहां अपनी पकड़ मजबूत की है और जातिगत समीकरणों के पार जाकर नई रणनीति बनाई है. एक ओर कांग्रेस सत्ता में वापसी की राह देख रही है, वहीं भाजपा अपनी  सरकार की हैट्रिक लगाने की ओर देख रही है. अब देखना यह होगा कि 2024 का चुनाव राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Haryana Elections 2024 ;bjp  Congress BJP JJP nayab singh Saini AAP in haryana Assembly Elections 2024