Haryana Chunav Results: हरियाणा में 'किंगमेकर' का सफाया', दुष्यंत चौटाला की वो एक गलती जिसने डुबो दी पूरी पार्टी

रईश खान | Updated:Oct 08, 2024, 07:07 PM IST

dushyant chautala

Haryana Vidhan Sabha Chunav Results 2024: जेजेपी का ग्राफ तभी गिरने लग गया था जब उसने बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी. लेकिन उससे बड़ी एक और गलती किसान आंदोलन पर बरती गई खामोशी थी.

हरियाणा विधानसभा के परिणामों ने इस बार सबका चौंका दिया है. किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया था कि इस तरह के नतीजे आएंगे. तमाम एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की सरकार बनते दिखा रहे थे, लेकिन इसके उलट बीजेपी ने सभी दलों को पटकनी देते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल कर ली है. इसमें सबसे बड़ा झटका जननायक जनता पार्टी (JJP) को लगा है. पिछली बार 'किंगमेकर' की भूमिका निभानी वाली जेजेपी का खाता भी नहीं खुला है. पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जमानत भी जब्त हो गई है.

उचाना कलां (Uchana Kalan Chunav Results) से दुष्यंत चौटाला को बुरी हार मिली. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार देवेंद्र चतर भुज अत्रि ने कुल 32 वोटों से जीत दर्ज की. अत्रि को 48968 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार 48,936 वोट ही हासिल कर सके. दुष्यंत की हालत ऐसी हो गई कि उनसे ज्यादा तो दो निर्दलीयों को वोट मिल गए. दुष्यंत ने कुल 7,950 मत पा सके.

पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने हरियाणा की 90 में से 10 सीट पर जीती और ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरी थी. उसने 40 सीट जीतकर सामान्य बहुमत से छह सीट पीछे रह गई बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई. अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी पारिवारिक कलह के कारण दिसंबर 2018 में मूल पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से अलग होकर बनी थी. 

बीजेपी ने मार्च में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था. जिसके बाद बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट गया था. जेजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली. जेजेपी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई. जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी छोड़ दी और उसके 10 में से 7 विधायक कांग्रेस या बीजेपी में चले गए थे. 


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दुष्यंत चौटाला को ये एक गलती पड़ी भारी
जेजेपी का ग्राफ तभी गिरने लग गया था जब उसने बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी. लेकिन उससे बड़ी एक और गलती किसान आंदोलन पर बरती गई खामोशी थी. जब हरियाणा समेत पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन हो रहे थे, तब दुष्यंत चौटाला बीजेपी सरकार के सत्ता के मजे चख रहे थे. दुष्यंत चौटाला खुद मानते हैं कि किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ गठबंधन में रहना जेजेपी की लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुई. पार्टी ने जाट वोट बैंक के साथ-साथ अन्य समुदाय के वोट भी गंवा दिए.

ASP से नहीं हुआ कोई फायदा
हरियाणा में दलित वोट हासिल करने के लिए दुष्यंत चौटाला ने इस चुनाव में चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठबंधन तो किया लेकिन पार्टी को उसका कोई फायदा नहीं हो सका.

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