डीएनए हिंदी: फरवरी महीने की 20 तारीख को एक बयान सामने आता है. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने धमकी भरे लहजे में बयान दिया कि जो हाल इंदिरा गांधी का किया गया, वही अमित शाह का किया गया. देश के गृहमंत्री को इस तरह की धमकी देने से अमृतपाल सिंह एक झटके में पूरे देश में चर्चा में आ गया. इसके ठीक तीन दिन बाद अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला बोल दिया. इस हमले के जो वीडियो सामने आए उनसे यह संदेश गया कि खालिस्तानी ताकतें फिर से सिर उठा रही हैं. यहीं से अमृतपाल सिंह के चर्चा में आने की शुरुआत होती है.
पिछले साल ही दुबई से भारत आया अमृतपाल सिंह सिर्फ एक साल में इतनी चर्चा पाने लगा कि उसे 'भिंडरावाले' कहा जाने लगा. भारत लौटने के बाद वह 'वारिस पंजाब दे' नाम के संगठन से जुड़ गया. इस संगठन के मुखिया दीप सिद्धू की एक हादसे में मौत हो गई. अमृतपाल सिंह इसका मुखिया बन गया. वह खुलेआम खालिस्तान की मांग करता था लेकिन उसे इतनी तवज्जो नहीं दी जा रही थी. अमृतपाल सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह अपने गांव में नशा मुक्ति अभियान चलाता है और दुबई से आने के बाद सबसे पहले उसने यही काम शुरू किया.
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अमित शाह को दे डाली जान से मारने की धमकी
20 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह मीडिया से बातचीत कर रहा था. इसी बातचीत में उसने कहा कि अमित शाह जो चाहें कर सकते हैं, हम अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हैं. इसके बाद उसने कहा, 'अमित शाह की किस्मत भी इंदिरा गांधी जैसी होगी.' बता दें कि इंदिरा गांधी को उनके बॉडीगार्ड्स ने गोली मार दी थी और कहा था कि वे उस ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला ले रहे थे जिसमें जरनैल सिंह भिंडरावाले को मार गिराने का दावा किया गया.
अमित शाह को धमकी देने के बाद अचानक चर्चा में आए अमृतपाल सिंह ने तीन दिन में ही एक और बड़ा कांड कर दिया. अजनाला थाने की पुलिस ने अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत सिंह 'तूफान' को गिरफ्तार कर लिया था. इसके विरोध में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने 23 फरवरी को अजनाला थाने को घेर लिया. गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ लेकर आए इन लोगों ने थाने पर हमला बोल दिया और पुलिसकर्मियों से भी मारपीट की. दबाव इतना बढ़ा कि कोर्ट ने लवप्रीत तूफान को छोड़ दिया.
अजनाला कांड के बाद नए अवतार में आया अमृतपाल!
अजनाला में हुए इस कांड ने अमृतपाल सिंह को नई पहचान दे दी. उसके तेवर, खालिस्तान की मांग और उग्र समर्थकों की भीड़ देखते हुए उसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाने लगी. कुछ सालों पहले जींस टीशर्ट पहनने वाला बिना पगड़ी का शख्स अब भिंडरावाले जैसी वेशभूषा, पगड़ी और लंबी दाढ़ी में नजर आने लगा. उसने खुलेआम कहा कि खालिस्तान की मांग गलत नहीं है.
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इस मामले को लेकर भगवंत मान सरकार पर खूब सवाल उठे कि आखिर थाने पर हमला करने और खुलेआम खालिस्तान की मांग करने वाले को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है. अचानक 18 मार्च को खबर आई कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, बाद में पता चला कि वह फरार हो गया. पुलिस ने उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा को पूरी तरह से घेर लिया था. पंजाब में इंटरनेट बंद कर दिया गया और अमृतपाल सिंह की तलाश तेज हो गई.
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हर दिन चलता रहा घटनाचक्र
18 मार्च के बाद 23 अप्रैल तक अमृतपाल सिंह में पुलिस लगातार हाथ-पैर मारती रही. अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने सरेंडर किया. कई साथी गिरफ्तार किए गए. बीच में अमृतपाल को कई जगहों पर देखने की खबरें भी आईं. उसने वीडियो जारी करके कहा कि पुलिस की मंशा अलग है. चर्चा होने लगी थी कि वह स्वर्ण मंदिर में सरेंडर करने वाला है. आखिर में अब जाकर उसने मोगा जिले के एक गुरुद्वारे में सरेंडर किया है.
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