SC ने ऐसा क्या कहा कि बदल गई महाराष्ट्र की पूरी राजनीति, उद्धव के इस्तीफे से शिंदे के सीएम बनने तक जानें पूरा मामला

हिमानी दीवान | Updated:Jul 01, 2022, 01:39 PM IST

eknath shinde and uddhav thakrey

Maharashtra Politics Explained: महाराष्ट्र की राजनीति में आया भूचाल अब बेशक थम गया है लेकिन अब जिस नई कहानी की शुरुआत हुई है उसे देखना और भी दिलचस्प होगा. जानें कैसे इतनी बदल गई महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की सियासत में बीते लगभग 10 दिन से जैसे कोई भूचाल सा आया हुआ था. 30 जून को यह भूचाल थमा और एक नई कहानी की शुरुआत हो गई. सन् 2019 से सीएम के पद पर बैठे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा. शिवसेना के ही वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए. इस बीच महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन टूट गया और शिवसेना-भाजपा गठबंधन फिर से जुड़ गया. कैसे हो गया कुछ ही दिन में इतना बड़ा बदलाव? कैसे हर तरफ से खुद को मजबूत दिखा रहे उद्धव ठाकरे को देना पड़ गया इस्तीफा? ऐसा क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में कि बदल गई पूरी सियासत? कैसे बागी एकनाथ शिंदे इतने ताकतवर साबित हो गए? कैसे बदल गया महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का नाम? इन सारे सवालों के जवाब-

कब हुई महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल की शुरुआत
महाराष्ट्र की सियासत में 20 जून से एक भूचाल की शुरुआत हुई. विधान परिषद चुनावों के नतीजे आए. इन नतीजों में सबसे ज्यादा सीटें भाजपा को मिलीं. 10 सीटों के लिए हुए इन चुनावों में भाजपा को सिर्फ 4 ही सीटें मिलने की उम्मीद थी, मगर क्रॉस वोटिंग हुई और भाजपा 5 सीटों के साथ जीत गई. इसी के बाद शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे 25 विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंच गए. धीरे-धीरे उनके साथ आने वाले विधायकों की संख्या बढ़ती गई. इसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में सरगर्मियां बढ़ गईं. कभी उद्धव ने बागी विधायकों को धमकाया और कभी मनाने की कोशिश की. कोई हल नहीं निकला तो सीएम हाउस ही छोड़ दिया.

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डिप्टी स्पीकर तक पहुंची लड़ाई
इसके बाद यह राजनीतिक लड़ाई डिप्टी स्पीकर तक पहुंची. डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस भेजा.उन्हें 27 जून तक लिखित जवाब देने को कहा गया.इसके खिलाफ शिंदे गुट खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और दो याचिका दायर की गईं. सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की याचिका पर सुनवाई करते हुए शिवसेना (Shiv Sena), महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी किया है. इन सभी को जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया. यही नहीं शिंदे गुट को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर वे 11 जुलाई शाम 5:30 बजे तक जवाब दे सकते हैं. 

राज्यपाल ने दिया फ्लोर टेस्ट का आदेश
इस बीच कोरोना को मात देकर राजभवन पहुंचे गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. फ्लोर टेस्ट के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची लेकिन उसे वहां से राहत नहीं मिली.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट किया जाना जरूरी है. इसी के बाद महाराष्ट्र की सियासत बदल गई. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून की रात अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. इसके बाद जो हुआ वह भी किसी ने सोचा नहीं होगा. भाजपा ने एक बड़ा दांव खेला.

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एकनाथ शिंदे बने मुख्यमंत्री
जब बात भाजपा के हाथ में आई तो मुख्यमंत्री पद के लिए हमेशा से पसंदीदा रहे देवेंद्र फडणवीस पीछे हो गए. उन्होंने खुद कह दिया कि वह सरकार में नहीं रहेंगे. बस इसके बाद एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद और देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री का ऑफर दिया गया. इस फैसले को दोनों ने मान लिया और 30 जून की रात दोनों ने शपथ भी ग्रहण कर ली. अब इसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में आगे क्या होगा, यह देखना काफी दिलचस्प हो सकता है.

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