डीएनए हिंदी: जब भी आप सड़क के रास्ते कहीं घूमने या जाने का प्लान बनाते हैं तो रास्ते में आने वाले टोल टैक्स पर जरूर रुकना पड़ता है. आखिर आपको टोल टैक्स दिए बिना आगे बढ़ने की इजाजत जो नहीं होती है. अब ये टोल टैक्स क्या होते हैं, क्यों लिए जाते हैं और इनके रेट कैसे तय होते हैं, इन सभी सवालों से अगर कभी भी आप दो-चार हुए हैं तो आज उनके जवाब भी जान लीजिए-
क्या होता है टोल टैक्स (What is Toll Tax)
टोल टैक्स को आम भाषा में टोल भी कहा जाता है. यह एक प्रकार का शुल्क होता है जो किसी भी वाहन चालक को इंटरस्टेट एक्सप्रेसवे, नेशनल या स्टेट हाईवे पार करते हुए देना होता है. ये हाईवे टोल रोड भी कहे जाते हैं और इनका पूरा प्रबंध नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) करता है. दो टोल बूथ के बीच की दूरी आमतौर पर 60 किमी होती है.
क्यों लिया जाता है टोल टैक्स
टोल टैक्स का इस्तेमाल सड़कों के रखरखाव और निर्माण इत्यादि में किया जाता है. इस शुल्क के जरिए सरकार हाईवे और एक्सप्रेसवे निर्माण की योजना बनाती है और उनका रखरखाव करती है.
ये भी पढ़ें- सरकार ने जुलाई में की रिकॉर्डतोड़ कमाई, इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा हुआ जीएसटी कलेक्शन
कैसे तय होता है टोल टैक्स का रेट (How Toll Tax Calculated)
टोल टैक्स का रेट कई बातों पर निर्भर करता है. इसमें वाहन की खरीद कीमत, इंजन की क्षमता, लोगों के बैठने की क्षमता इत्यादि शामिल हैं. इसके अलावा हाईवे की जो दूरी लगभग 60 किमी होती है उसके कम या ज्यादा होने पर भी वसूले जाने वाले टोल टैक्स के रेट में बदलाव हो जाता है. इस साल अप्रैल महीने में सरकार ने टोल टैक्स के दामों में इजाफा किया था. इसके अनुसार हल्के वाहनों के टोल टैक्स में 10 रुपये और भारी वाहनों के टोल टैक्स में 65 रुपये बढ़ाए गए थे.
क्या रोड टैक्स और टोल टैक्स एक ही है?
अगर ये सवाल आपके भी मन में आता है तो यह जान लीजिए कि रोड टैक्स और टोल टैक्स दोनों अलग होते हैं. रोड टैक्स RTO द्वारा लिया जाता है जब आप एक ही राज्य में अलग-अलग सड़कों का इस्तेमाल करते हैं. जबकि टोल टैक्स इंटर स्टेट हाईवे का इस्तेमाल करने पर लिया जाता है.
ये भी पढ़ें- Liquor Policy: शराब बेचकर जमकर कमाई करती हैं सरकारें, जानिए खजाने के लिए क्यों है इतनी अहम
क्या होता है FASTag
NHAI ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए टोल टैक्स को आसानी से और जल्दी भरने की सुविधा भी दी है. इसी का नाम है FASTag ये वाहन के शीशे के अंदर की तरफ लगा होता है. इससे सीधे वाहन मालिक के अकाउंट से टोल की राशि ले ली जाती है और उसे बिना इंतजार किए टोल क्रॉस करने की अनुमति मिल जाती है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.