Golan Heights UNGA: भारत ने इजरायल के विरोध में UNGA में किया वोट, क्या है गोलान हाइट्स प्रस्ताव के मायने समझें 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 01, 2023, 07:23 PM IST

India Israel Ties

UNGA Resolution On Israel: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल के खिलाफ एक प्रस्ताव का समर्थन किया है. इजरायल के गोलान हाइट्स से हटने और सीरिया के समर्थन के प्रस्ताव के समर्थन में भारत ने वोट डाला है. 

डीएनए हिंदी: केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से भारत और इजरायल के रिश्तों में काफी गर्माहट देखने को मिली है. हालांकि, हमास और इजरायल के बीच जारी मौजूदा संघर्ष के युद्धविराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक प्रस्ताव पर इजरायल के खिलाफ वोट डाला है. इजरायल और हमास के बीच जारी भीषण संघर्ष में युद्धविराम के समय संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है. गोलान हाइट्स से इजरायल के पीछे हटने और कब्जा छोड़ने के प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया है. 1967 में इजरायल और सीरिया के बीच चले छह दिवसीय युद्ध में इजरायल ने इस पर कब्जा किया था. समझें क्या है गोलान हाइट्स का पूरा मामला और भारत ने इजरायल के खिलाफ क्यों किया मतदान. 

गोलान हाइट्स पर इजरायल के खिलाफ 91 देशों ने 
'मध्य पूर्व में स्थिति' के तहत मसौदा प्रस्ताव 'द सीरियाई गोलान' पर मतदान किया गया था. मिस्र की ओर से पेश प्रस्ताव के पक्ष में  91, विपक्ष में 8 मत पड़े. 62 देश अनुपस्थित रहे. भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, मिस्र समेत कुल 91 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. अमेरिका और उसके सहयोगियों, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इजरायल समेत कुछ और देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया है.

यह भी पढ़ें: उत्तरकाशी: ड्रिलिंग से लेकर धमाके तक, 6 तरीके जिन पर हो रहा काम  

क्यों है गोलान हाइट्स इजरायल के लिए महत्वपूर्ण 
गोलान हाइट्स सीरिया का एक इलाका है जिस पर इजरायल ने 5 जून 1967 से कब्जा किया हुआ है. इजरायल की रणनीतिक और सामरिक जरूरतों के लिहाज से यह इलाका भौगोलिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. दरअसल यह एक पहाड़ी इलाका है जहां से सीरिया की राजधानी दमिश्क स्पष्ट दिखती है और इस जगह का इस्तेमाल इजरायल सीरिया पर नजर रखने के लिए करता है. गोलान हाइट्स पर इजरायल की मौजूदगी अमेरिका के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि युद्ध प्रभावित सीरिया पर नजर रखने के लिए विश्वस्त सहयोगी के तौर पर इजरायल वहां है. इसके अलावा, इस पहाड़ी इलाके में 20,000 यहूदी बस्तियां हैं और 

गोलान हाइट्स से इजरायल की जरूरतें हो रही हैं पूरी 
गोलान हाइट्स की जमीन भी उपजाऊ है. इस ऊपजाऊ जमीन का इस्तेमाल इजरायल फसल और जैविक खेती जैसे कई कामों के लिए कर रहा है. सीरिया की ओर से होने वाले किसी भी आक्रमण के लिए यह एक ढाल की तरह काम करता है. गोलान में होने वाली बारिश का पानी जॉर्डन की नदी में जाकर मिल जाता है. इससे इजरायल अपनी पानी की तीन चौथाई जरूरतें पूरी करता है. इजरायल की दो टूक राय है कि वह गोलान हाइट्स पर अपना कब्जा नहीं छोड़ेगा. 

यह भी पढ़ें: Gurpatwant Singh Pannun की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक पर चार्जशीट

क्या भारत इजरायल संबंधों पर असर पड़ेगा 
भारत और इजरायल के संबंध अब कई क्षेत्रों में हैं और पीएम नरेंद्र मोदी ने हमास के आतंकी हमले की निंदा की थी. भारत पारंपरिक तौर पर फिलिस्तीन समर्थक देश माना जाता है और कूटनीतिक तौर पर भी नई दिल्ली का झुकाव फिलिस्तीन की ओर रहा है. पिछले दो दशक का लेखा जोखा देखें तो दोनों देशों के बीच कई अहम साझेदारी हुई है और भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव का भले समर्थन किया हो, लेकिन इससे दोनों देशों के व्यापारिक-सामरिक संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा. 

.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.