IAC Vikrant: देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएसी विक्रांत की क्या है खासियत, 2 सितंबर को नौसेना में किया जाएगा शामिल

कुलदीप सिंह | Updated:Aug 24, 2022, 01:43 PM IST

IAC Vikrant: देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर को 2 सितंबर को नौसेना में शामिल किया जाएगा. इसे 20 हजार करोड़ की लागत के तैयार किया गया है. इसका आकार फुटबॉल के दो मैदान से भी बड़ा है. 

डीएनए हिंदीः समुद्र में भी भारत की ताकत जल्द बढ़ने वाली है. 2 सितंबर को देश में पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) मिलने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) इसे नौसेना को सौपेंगे. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अंदर एक स्थान पर भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर पोत को शामिल करेंगे. हाल ही में इसके चार चरणों का ट्रायल पूरा किया गया है. इस ट्रायल के दौरान विक्रांत (IAC Vikrant) के हथियार, सिस्टम और एविएशन फैसेलिटी कॉम्पेलक्स के परीक्षण किए गए. भारतीय नौसेना ने इन ट्रायल की तस्वीरें भी जारी की जिसमें पहली बार मिग-29-के फाइटर जेट, एएलएच और कामोव हेलीकॉप्टर विक्रांत के डेक पर खड़े दिखाए दिए. 

20 हजार करोड़ की लागत से हुआ तैयार 
इस एयरक्राफ्ट को 20 हजार करोड़ की लागत से बनाया गया है. इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था. विक्रांत का फ्लाइट डेक दो फुटबॉल मैदान के बराबर है. विक्रांत के आने से भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद एयरक्राफ्ट डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है. इस पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) ने डिजाइन किया है. इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. इस पोत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के नाम पर रखा गया है. INS विक्रांत अब रिटायर चुका है. जिसके साथ ही भारत के पास अभी सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज ‘INS विक्रमादित्य’ बचा है. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत (IAC Vikrant) का मोटो यानि आदर्श वाक्य है, 'जयेम सम युधि स्पृधा:'. ऋगवेद से लिए गए इस सूक्ति का अर्थ है अगर कोई मुझसे लड़ने आया तो मैं उसे परास्त करके रहूंगा. 

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क्या है आईएसी विक्रांत की खासियत?
करीब 40 हजार टन वजनी इस एयरक्राफ्ट पर एक साथ 30 फाइटर जेट्स तैनात हो सकते हैं. इसमें MiG-29K, Kamov-31 और MH-60R हेलिकॉप्टर शामिल हैं. इतना की नहीं इस एयरक्राफ्ट में 2,300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं. एक साथ 1700 लोग इसमें आ सकते हैं. महिलाओं के लिए यहां विशेष केबन तैयार किए गए हैं. इसकी टॉप स्पीड 23 नॉट्स है. ये एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है. आईएसी विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है, वहीं इसकी चौड़ाई  62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है. आईएसी के आठ बिजली जनरेटर कोच्चि शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त हैं और युद्धपोत में सभी सुविधाओं के साथ एक अत्याधुनिक अस्पताल परिसर भी है. 

दुश्मन के हर हमले का जवाब देने की क्षमता 
यह एयरक्राफ्ट दुश्मन के हर हमले का जवाब देने की ताकत रखता है. दरअसल, किसी भी विमान-वाहक युद्धपोत की ताकत होती है उसपर तैनात किए जाने वाले लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर. समंदर में एयरक्राफ्ट कैरियर एक फ्लोटिंग एयरफील्ड के तौर पर काम करता है. उसपर तैनात फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर कई सौ मील दूर तक समंदर की निगरानी और सुरक्षा करते हैं. किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर की ताकत उसका फ्लाईट-डेक होता है यानि उसका रनवे. इसका रनवे करीब 262 मीटर लंबा है विक्रांत यानि दो फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा है. 

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ये लड़ाकू विमान विक्रांत पर होंगे तैनात 
आईएसी विक्रांत पर तैनात करने के लिए हाल ही में फ्रांस के रफाल (मेरीटाइम) और अमेरिका के एफ-18 होरनेट के ट्रायल भी गोवा स्थित नेवल एविएशन बेस पर किए गए थे. इन दोनों में से कौन सा लड़ाकू विमान विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. वाइस चीफ के मुताबिक, डीआरडीओ भी स्वेदशी टूइन इंजन डेक बेस्ट फाइटर यानि टीईडीबीएफ पर काम कर रही है. जबतक टीईडीबीएफ बनकर तैयार नहीं हो जाता तबतक रफाल या फिर एफ-18 में से कोई एक इस पर तैनात किया जाएगा.  

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