INS Mormugao: 18 दिसंबर को Indian Navy में शामिल होगा नया घातक मिसाइल डिस्ट्रॉयर INS Mormugao, जानिए इसकी खासियत

मनीष कुमार | Updated:Dec 16, 2022, 02:53 PM IST

INS Mormugao

18 दिसंबर को 2022 को P15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर INS Mormugao को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना को सौंपेंगे.

डीएनए हिंदी: हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में अपनी रणनीतिक को बढ़ाने के लिए चीन लगातार कुछ ना कुछ  प्रयास करता रहता है लेकिन इस बार उसके सारी कोशिशों पर पानी फिरने वाला है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारतीय नौसेना (Indian Navy) में बहुत ही जल्द एक बाहुबली हथियार जुड़ने जा रहा है इसका नाम आइएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao launch 18 december 2022) है. इस स्वदेशी गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर के कमीशन होने के साथ-साथ भारत की समुद्री युद्ध शक्ति और अधिक बढ़ जाएगी. इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर के 75 प्रतिशत उपकरण और हथियार भारत में बनाए गए हैं. दो दिन बाद यानी 18 दिसंबर 2022 की पूर्व संध्या पर मुंबई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इंडियन नेवी में इसे कमीशन किया जाएगा. आइए आपको बताते हैं इस  मिसाइल डिस्ट्रॉयर की खासियत जिसकी वजह से चीन भी अब सहमा हुआ महसूस कर रहा है.

INS Mormugao की खासियत
 
पॉइंट-1: 7,400 टन वजनी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर को आईएनएस मोरमुगाओ (features of INS Mormugao) का ये नाम  गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मोरमुगाओ के नाम पर दिया गया है

पॉइंट-2: INS Mormugao को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड पर बनाया गया है.  INS Mormugao की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है.

पॉइंट-3:  INS Mormugao को 4 शक्तिशाली गैस टर्बाइनों से ऊर्जा मिलेगी जिससे यह 56 किलोमीटर प्रतिघंटा (30 knots or 30 nautical miles) की रफ्तार से दौड़ता हुआ दुश्मन के मुंह के सामने खड़ा हो जाएगा. इस युद्धपोत से भारत की नौसेना ताकत में 3 गुना इजाफा हो जाएगा.

पॉइंट-4:  प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के दूसरे स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर मोरमुगाओ (INS Mormugao) परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध (Nuclear, Biological and Chemical war)के समय भी बचाव करने और लड़ने में पूरी तरह सा सक्षम है.

पॉइंट-5: INS Mormugao ब्रह्मोस, बराक-8, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे उन्नत हथियारों से लैस है, जिसकी मारक क्षमता  290Km से 450Km तक बढ़ाई जा रही है. 

पॉइंट-6: 70 किलोमीटर वाली MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल) सिस्टम, टॉरपिडो, रॉकेट लॉन्चर, कई तरह के गन सिस्टम्स के साथ-साथ इजरायल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’और सेंसर की एक विस्तृत श्रृंखला INS Mormugao को दूसरे जंगी जहाजो से अधिक मजबूत और खास बनाती है.

पॉइंट-7:  INS Mormugao जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर और हवा में उड़ते विमान पर 70Km की दूरी पर निशाना लगाने में कारगर है.

पॉइंट-8: INS Mormugao 127 मिलीमीटर गन से लैस है. जिसमें रुसी AK-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी मौजूद है. आईएनएस मोरमुगाओ पर 2 RBU-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगाए गए हैं. 

पॉइंट-9: INS Mormugao को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इस पर खराब मौसम में नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड आसानी से लैंड कर सकते हैं.

नौसेना में का यह दूसरा डिस्ट्रोयर होगा

आपको बता दें कि मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में प्रोजेक्ट-15बी के तहत कुल 35,800 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे 4 विशाखापत्तनम-श्रेणी के डिस्ट्रोयर्स में आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) दूसरा है.
 नवंबर 2021 में  इसी तरह के पहले  डिस्ट्रोयर को INS विशाखापत्तनम के रूप में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था.  अब आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) के कमीशन होने के बाद इंफाल और सूरत नाम के तीसरे और चौथे डिस्ट्रॉयर को 2023-2024 में इंडियन नेवी कमीशन किया जाएगा.  

128 गश्ती जहाजों ( Patrol Vessels), करीब 13 मध्यम युद्धपोत  (Frigates), 22 छोटे युद्धपोत  (Corvettes), 17 पनडुब्बियां (Submarines), 10 बड़े घातक युद्धपोत (Destroyers), 2 एयरक्राफ्ट कैरियर, विमानों, हेलीकाप्टर और ड्रोन के साथ भारतीय नौसेना दुनिया की टॉप-10 नेवी में तो शामिल हैं लेकिन अब भी उसे एक लंबा लंबा रास्ता तय करना बाकी है.


 

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