Karnataka Elections: क्या लिंगायत वोटर्स का साथ कांग्रेस को दिलाएगा सत्ता? समझिए BJP के लिए क्यों माना जा रहा झटका

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 07, 2023, 09:45 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खड़गे और जगदीश शेट्टर 

Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में 17 प्रतिशत वोट बैंक के साथ लिंगायत सबसे शक्तिशाली समुदाय माना जाता है.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) में पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. लिंगायत संप्रदाय के एक शक्तिशाली समूह वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस का समर्थन करने का ऐलान किया है. फोरम ने लिंगायत समुदाय के लोगों से 10 मई को कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की है. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का वोट सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए अहम माना जाता है. ऐसे में इस समुदाय को बीजेपी से खिसकना बड़ा झटका माना जा रहा है.

लिंगायत समुदाय बीजेपी का एक पारंपरिक वोट बैंक रहा है. 1980 के दशक से पार्टी नेता बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं. लेकिन उन्हें दरकिनार करना और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को अपने गढ़ हुबली से टिकट नहीं देना बीजेपी का यह वोट बैंक खिसक रहा है. लिंगायत समुदाय भाजपा के खिलाफ गुस्से में है. वहीं जदगीश शेट्टर ने भी खुले तौर पर यह आरोप लगाते हुए बीजेपी छोड़ दी कि उन्हें इसलिए टिकट नहीं दिया गया कि भाजपा लिंगायत समुदाय के प्रभाव को कमजोर करना चाहती है.

कर्नाटक में 17 प्रतिशत वोट बैंक के साथ लिंगायत सबसे शक्तिशाली समुदाय माना जाता है. राज्य में 9 लिंगायत मुख्यमंत्री रहे हैं. कुल 224 निर्वाचन क्षेत्रों में से 100 में इनका प्रभुत्व है. इनमें अधिकांश सीटें उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र की हैं. लिंगायत समुदाय के लोग खुद के अलग धर्म की मांग कर रहे हैं. चुनाव में भी इसको लेकर चर्चा हो रही है. कर्नाटक में 500 से अधिक मठ हैं. इनमें से अधिकांश लिंगायत समुदाय के हैं, जो बहुत शक्तिशाली माने जाते हैं.

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लिंगायत समुदाय की आरक्षण की मांग
कुदालसंगम पंचमसाली पीठ के संत बसवजया मृत्युंजय स्वामी ने कहा कि वह लिंगायत समुदाय के लिए आरक्षण में वृद्धि किए जाने पर जोर देंगे, भले ही 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में आए. उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार (2013 से 2018) ने केंद्र से जैन और बौद्ध धर्म की तर्ज पर लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया. संत ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लिंगायतों को अलग अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाएगा.

राज्य में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति के आधार पर ओबीसी की चार श्रेणियां-2ए, 2बी, 3ए और 3बी हैं. इन समुदायों को श्रेणियों के आधार पर नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है. 2ए में सर्वाधिक पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, जबकि 2बी मध्यम, और उनसे थोड़ा ऊपर 3ए तथा 3बी हैं.  कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा और मतों की गिनती 13 मई को की जाएगी.

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लिंगायत समुदाय के बड़े नेता
बीएस येदियुरप्पा, बसराव बोम्मई, जगदीश शेट्टर, एचडी थम्मैया और केएस किरण कुमार राज्य के बड़े नेताओं में शुमार हैं.

कर्नाटक की जनसंख्या

  • कुल जनसंख्या 6.11 करोड़ (2011 की जनगणना के अनुसार)
  • हिंदू - 5.13 करोड़ (84 फीसदी)
  • मुस्लिम - 79 लाख (12.91 फीसदी)
  • ईसाई - 11 लाख (1.87 फीसदी)
  • जैन - 4 लाख (0.72 फीसदी)
  • लिंगायत की आबादी- करीब 17 फीसदी
  • वोक्कालिगा की जनसंख्या - करीब 14 फीसदी
  • रुबा जाति - 8 फीसदी
  • एससी - 17 फीसदी
  • एसटी- 7 फीसदी

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