Arif saras case: जंगली जानवरों को पालने या बांधने से पहले जान लें ये कानून, वरना हो जाएगी मुश्किल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 29, 2023, 04:25 PM IST

Wilf Life Protection Act

Wild Life Protection Act: सारस को बचाने को लेकर चर्चा में आए आरिफ के खिलाफ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

डीएनए हिंदी: भारत में इंसानों के साथ-साथ पशुओं और पक्षियों के भी बहुत सारे अधिकार होते हैं. कुछ जानवर खास तौर पर संरक्षित होते हैं. तमाम ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनके मुताबिक, जानवरों का शिकार करने, उनको प्रताड़ित करने और उन्हें बंधक बनाने पर कई तरह की सजा हो सकती है. अमेठी में एक सारस की जान बचाने वाले आरिफ के खिलाफ ऐसे ही कुछ नियमों के तहत केस दर्ज किया गया है. वैसे तो आरिफ का कहना है कि उन्होंने सारस की जान बचाई इसलिए वह उनके साथ ही रहने लगा. आरिफ ने यह भी कहा है कि उन्होंने सारस को न तो बंधक बनाया और न ही उसके खिलाफ कोई हिंसा की.

आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया है. बता दें कि वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत कुछ जानवरों के अवैध शिकार और उनकी खाल या शरीर के किसी अन्य हिस्से के व्यापार पर रोक लगाया गया है. अगर किसी को इस कानून के तहत दोषी पाया जाता है तो उस पर जुर्माना लगया जा सकता है या उसको सजा भी हो सकती है.

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जानवरों के खिलाफ क्रूरता पर लागू होते हैं ये कानून:-

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