डीएनए हिंदी: मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने भी हालात बहुत खराब हैं. जातीय संघर्ष से प्रभावित पूर्वोंत्तर के इस राज्य में हिंसा और आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. केंद्र और राज्य सरकार की शांति की अपील के बावजूद मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति के लोग आमने-सामने हैं. राज्य में हालात ऐसे हो गए है कि अब रिटायर्ड सैन्य अधिकारी भी अपना दर्द बयां करने लगे हैं. पूर्व आर्मी चीफ जनरल (रिटायर्ड) वेद प्रकाश मलिक (Ved Prakash malik) ने मणिपुर की स्थिति पर केंद्र से तत्काल ध्यान देने की अपील की है. वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एल निशिकांत सिंह ने भी इस मामले में एक ट्वीट किया है. लेकिन उनके इस ट्वीट से हंगामा शुरू हो गया है.
निशिकांत के ट्वीट से क्यों हो रहा हंगामा
दरअसल, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा, 'मैं मणिपुर का एक साधारण भारतीय हूं, जो रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी जी रहा है. राज्य अब 'स्टेटलेस' है. जीवन और संपत्ति किसी के द्वारा कभी भी नष्ट की जा सकती है. जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया में हो रहा है. ऐसा लगता है कि मणिपुर को उसके अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. क्या कोई सुन रहा है?'
लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह का यह ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है. पूर्व सेना अध्यक्ष वेद प्रकाश मलिक ने निशिकांत सिंह के पोस्ट को रीट्ववीट किया और कहा कि मणिपुर में एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल का दर्द साफ झलक रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. मलिक ने इस ट्वीट को पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ शिंह को भी टैग किया है.
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निशिकांत के ट्वीट को लेकर लोग खूब सवाल उठा रहे हैं. सरकार से पूछ रहे हैं जब लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी इस तरह डरा हुआ है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में स्थिति कैसी होगी.
कौन हैं एल निशिकांत सिंह?
लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह का जन्म 1958 में मणिपुर के थंगमाईबंद (Thangmeiband) में हुआ था. उनके पिता का नाम ठाकुरेंद्रजीत सिंह और कानोन देवी है. निशिकांत ने प्राथमिक शिक्षा थिंगन एलपी स्कूल से पूरी की. 1975 में स्कूल की उच्च माध्यमिक परीक्षा में टॉप किया और उसी साल नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में शामिल हो गए. 20 साल की उम्र में उन्हें सेना में कमीशन मिला और 1979 में JAKLI रेजिमेंट की 9वीं बटालियन में शामिल हो गए. निशिकांत सिंह सितंबर 2015 में मणिपुर के लिए दूसरे लेफ्टिनेंट जनरल बने. वह देश की आजादी के बाद से पूर्वोत्तर से तीसरे लेफ्टिनेंट जनरल हैं. पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल के तीन बेटियां हैं.
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3 मई को शुरू हुई थी हिंसा
बता दें कि मणिपुर में 3 मई 2023 को कुकी जनजातीय समुदाय की रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी. यह रैली बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के विरोध बुलाई गई थी. तब से लेकर अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं. राज्य में 10 हजार से ज्यादा घर जल चुके हैं. करीब 37,450 लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर है. राज्य में स्थिति संभल नहीं रही है. हिंसक भीड़ नेताओं और जनप्रतिनिधियों के घरों को निशाना बना रही है. भीड़ के निशाने पर कैबिनेट मंत्री से लेकर विधायक और सासंद भी हैं.
कुकी समुदाय की मांग है अलग राज्य
कुकी समुदाय ने मांग की है कि इस संघर्ष को हल करने का एकमात्र तरीका मणिपुर को दो भागों में विभाजित करना है. जब मैतेई जनजाति से अलग पहाड़ी समुदाय के लिए एक नया राज्य बनेगा तब हिंसा थम जाएगी. मणिपुर में विरोध और हिंसा मैतेई समुदाय के साथ शुरू हुई. समुदाय की मांग थी कि उन्हें भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए. इससे उन्हें कॉलेज में एडमिशन और नौकरियों में रिजर्वेशन का अधिकार मिलेगा. वे चाहते हैं कि उन्हें आदिवासी समुदाय का दर्जा भी मिले.
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