मध्य प्रदेश में 'शिव' का रहेगा राज, इन 5 योजनाओं ने लगाई नैया पार

Written By रईश खान | Updated: Dec 03, 2023, 06:02 PM IST

shivraj singh chauhan

MP election result 2023: मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं गेम चेंजर साबित हुईं. जिनकी वजह से महिलाओं ने शिवराज सरकार के पक्ष में बढ़ चढ़कर वोट दिया.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लगभग 168 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है. बीजेपी दो दशक से राज्य में सरकार चला रही है. हालांकि, इस बार बीजेपी को भी इतनी बड़ी जीत की उम्मीद नहीं थी. लेकिन राज्य की जनता ने एक बार फिर मामा से भैया की छवि में आए शिवराज पर भरोसा जताया. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी की जीत में महिलाओं की अहम भूमिका रही. आइये जानते हैं कि वह कौनसी योजनाओं इस चुनाव में शिवराज सिंह के लिए ट्रंप कार्ड बनीं.

1- लाडली बहना योजना
शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना ने बीजेपी को एक बार फिर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा दिया. इस योजना के तहत 1 करोड़ 31 लाख महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये दिए गए. यह राशि डायरेक्ट महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की गई. शुरुआत में इस मत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश की पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये दिए गए थे. लेकिन अक्टूबर के महीने में इस राशि को बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. शिवराज ने वादा किया कि इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर अब 3,000 रुपये कर दिया जाएगा. विश्‍लेषकों की मानें तो इस योजना के बदौलत महिलाओं ने शिवराज सरकार के पक्ष में बढ़ चढ़कर वोट किया.

2- किसानों की कर्ज माफी
2018 में जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी तो उन्होंने सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया था. इसके बाद 2020 में जब कमलनाथ की सरकार गिर गई तो कुछ किसानों का कर्ज माफ नहीं हो सका. उनपर ब्याज भी काफी चढ़ गया था. इसके बाद शिवराज सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू की और 11.19 लाख किसानों का लगभग 2,123 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया. शिवराज की यह कर्ज माफी भी फायदे का सौदा रही.


3- संविदा कर्मचारी का रिन्यू अनुबंध किया समाप्त
शिवराज सरकार ने चुनाव से पहले राज्य के संविधा कर्मचारियों को बड़ी राहत दी थी. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा था कि राज्य में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को अब हर साल अनुबंध रिन्यू  कराने की जरूरत नहीं है. सरकार ने संविदा कर्मचारियों का अनुबंध समाप्त कर दिया था. इसके अलावा शिवराज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की तरह उन्हें भी अच्छा वेतन, भत्ता, अवकाश, बीमा आदि की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की.

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4- बहनों के लाडले बने ‘मामा’
बीजेपी की जीत में आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं का बड़ा योगदान है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि लाडली बहना, लाडली लक्ष्मी, निकाय चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की वजह से उन्हें जनता का प्यार मिला.

5- आंगनबाड़ी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि
शिवराज सरकार ने चुनाव से पहले आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के वेतन में बढ़ोतरी कर बढ़ा दांव खेला. जो शिवराज के लिए कारगर साबित हुआ. सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के वेतन को 3,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 13,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया. इसके अलावा आंगनबाड़ी सहायिकाओं के वेतन को 750 रुपये से बढ़ाकर 5,750 रुपये प्रति महीने कर दिया था. इसके अलावा सरकार ने घोषणा की थी कि रिटायरमेंट के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं को 1.25 लाख और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे.

इमोशनल अपील भी आई काम
बीजेपी ने इस बार मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतारा. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो शिवराज को सीएम नहीं बनाया जाएगा. इससे संदेश यह गया कि शिवराज का जादू अब मध्य प्रदेश में नहीं रहा है. उनकी स्थिति कमजोर हो गई. लेकिन इस मुद्दे पर शिवराज सिंह ने आखिर वक्त पर इमोशनल कार्ड खेला. चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज मतदाताओं से यह पूछते नजर आए कि क्या आप नहीं चाहते हैं कि आपका मामा, आपका भाई मुख्यमंत्री बने? शिवराज के इस सवाल पर वोटर्स ने भारी शोर के साथ उनके पक्ष में जवाब दिया. अब एक बार फिर जीत दिलाकर जनता ने यह साबित कर दिया कि वही उनकी पंसद हैं.

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