डीएनए हिंदी: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के तुरा स्थित कार्यालय पर सोमवार रात भीड़ ने हमला कर दिया. इस हमले में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. मुख्यमंत्री को चोट नहीं आई है और वह तुरंत कार्यालय से बाहर नहीं निकल सके क्योंकि कई लोगों ने परिसर को घेर लिया था. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि बाद में प्रदर्शनकारियों को वहां से तितर-बितर कर दिया गया और पुलिस ने रात का कर्फ्यू लगा दिया. तुरा शहर को राज्य की शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग को लेकर गारो हिल्स के नागरिक समाज संगठन पिछले कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। वे राज्य में पूर्वव्यापी रोस्टर प्रणाली की भी मांग कर रहे हैं.
सीएम कोनराड संगमा सोमवार शाम तुरा स्थित अपने कार्यालय में कुछ प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, तभी अन्य लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. इस हमले में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि हालांकि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन अभी भी तनावपूर्ण है. कोनराड संगमा ने इस हमले पर दुख जताया. उन्होंने घायलकर्मियों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा भी की है. सूत्रों के अनुसार, कोनराड संगमा इस मुद्दे पर नागरिक समाज समूहों के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक बात कर रहे थे, तभी एक भीड़ मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुई और पथराव करना शुरू कर दिया.
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क्या है मेघालय का विवाद?
आचिक कॉन्शियस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (ACHIK) की अगुवाई में मेघालय में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस संगठन की मांग है कि तुरा को अक्टूबर से मार्च तक के लिए प्रदेश की शीतकालीन राजधानी बनाया जाए. इन लोगों का तर्क है कि इसी तरह हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और आंध्र प्रदेश में कई राजधानियां हैं. इसके अलावा, सचिवालय को शिलॉन्ग से तुरा में ट्रांसफर करने और गारो हिल्स में एक अतिरिक्त मुख्य सचिव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की स्थायी नियुक्ति की जाए ताकि प्रशासन बेहतर हो सके.
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ACHIK के अलावा, बीजेपी के कुछ नेता और गारो हिल ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के नेता भी इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. ACHIK के महासचिव थॉमस एम मराक का कहना है, '50 साल पहले गारो हिल्स के लोगों से वादा किया गया था कि सर्दियों के लिए अलग राजधानी बनाई जाएगी लेकिन पिछले समय के नेताओं ने इस मांग को बीच में ही छोड़ दिया.'
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