डीएनए हिंदी: दिल्ली मेट्रो में छोटे कपड़ों में दिखीं रिदम चन्ना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने उनका सोशल मीडिया हैंडल देखा तो दंग रह गए. इंस्टाग्राम पर बहुत कम फॉलोवर वाली रिदम का अकाउंट अतरंगी कपड़ों वाली तस्वीरों से भरा पड़ा है. उनके कपड़ों की वजह से ही रिदम की तुलना उर्फी जावेद से होने लगी है. हालांकि, उनका कहना है कि वह जानती ही नहीं हैं कि उर्फी जावेद कौन हैं या वह क्या करती हैं.
रिदम का वीडियो वायरल होने के बाद उनके कपड़ों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती. उर्फी जावेद पर भी लोग इसी तरह के कमेंट करते हैं. हालांकि, उर्फी जावेद तो सामने से मुंहतोड़ जवाब भी देती हैं और अपने कपड़ों को अपनी पसंद बताती हैं. आइए समझते हैं कि इस तरह की चीजों पर कानून का क्या कहना है...
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अश्लीलता पर क्या कहता है कानून?
भारत में अश्लीलता को अपराध माना जाता है. IPC की धारा 292, 293 और 294 के तहत अश्लीलता फैलाने पर सजा हो सकती है. अश्लीलता को लेकर कानून में अस्पष्टता की स्थिति नहीं है कि किस गतिविधि को अश्लील कहा जा सकता है. कानून के जानकारों का कहना है कि अगर कोई शख्स ऐसी अभद्र सामग्री, किताब या अन्य आपत्तिनजनक सामान बेचे या सर्कुलेट करे जिससे दूसरों को नैतिक रूप से परेशानी हो तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को 2 साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है. अगर दूसरी बार वह ऐसे ही मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल की जेल और पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा.
IPC की धारा 509: अगर कोई व्यक्ति महिला की शील या लज्जा भंग करने वाली चीज दिखाता या बोलता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 509 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसमें 3 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है.
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IT Act सेक्शन 67(A): अगर कोई शख्स इलेक्ट्रॉनिक मीडियम के जरिए कामुक या कामुकता को बढ़ावा देने वाला कंटेट को प्रकाशित या प्रसारित करता है तो उसके खिलाफ IT एक्ट 67(A) के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में दोषी पाए जाने पर 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये जुर्माना देने का प्रावधान है. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना पड़ा सकता है.
अश्लीलता की परिभाषा पर फंसता है मामला
भारत के कानून में अश्लीलता का अर्थ कामुकता से जोड़कर देखा जाता है. अगर किसी सामग्री से कामुकता फैल रही है तो उसे अश्लील कहा जा सकता है. अश्लीलता की व्याख्या सामान्यत: कोर्ट ही करता है. अब अगर यह मामला कोर्ट में जाता है तो देखने वाली बात हो सकती है अगर कोर्ट में उर्फी जावेद या रिदम चन्ना के खिलाफ केस किया जाता है तो कोर्ट फैशन सेंस की व्याख्या कैसे करता है.
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