PFI पर बैन के बाद अब इस संगठन और मेंबर्स का क्या होगा, जानिए 9 पॉइंट्स में सबकुछ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2022, 07:54 PM IST

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया. 

अब PFI सदस्यों को केंद्रीय एजेंसियां और राज्य सरकारें कहीं भी गिरफ्तार कर सकती हैं. उनकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार जांच एजेंसियों को मिलेगा.

डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार (Modi Governmentr) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संस्था करार देते हुए अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA), 1967 के तहत बैन कर दिया है. अब केंद्रीय एजेंसियां और राज्य सरकारें देशभर में कहीं PFI कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक्शन ले सकेंगी. पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के पास PFI सदस्यों की संपत्तियों और बैंक खातों को जब्त करने का भी अधिकार होगा. 

जब्ती और गिरफ्तारी के लिए UAPA के तहत आने वाले कुछ प्रावधानों का पालन करना जरूरी होगा. प्रतिबंधित संगठनों पर क्या कहते हैं UAPA के प्रावधान? आइए समझते हैं.

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1. UAPA की धारा 10 के मुताबिक अब PFI की सदस्यता भी अपराध की श्रेणी में आएगी. किसी भी प्रतिबंधित संगठन का हिस्सा होने पर व्यक्ति को 2 साल की जेल हो सकती है. कुछ परिस्थितियों में दोषी को आजीवन कारावास और मौत की सजा भी दी जा सकती है. 

2. UAPA की धारा 10 के मुताबिक प्रतिबंधित संगठनों का हिस्सा होने पर, बैठकों में भाग लेने पर, संस्था की मदद करने पर, अनुदान देने पर भी दोषी व्यक्ति को 2 साल की सजा मिल सकती है. ऐसे संगठनों को चलाने पर भी 2 साल की कैद का प्रावधान है. यह प्रावधान उन लोगों पर भी लागू होगा जो ऐसे संगठनों में प्रतिबंध के बाद हिस्सा लेंगे.

3. सेक्शन 10 के तहत ही केंद्रीय एजेंसियां और स्टेट पुलिस कई साल से प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ एक्शन लेते आई हैं. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) को बैन किया था. सिमी मेंबर्स की गिरफ्तारी इस प्रावधान के तहत अब तक होती आई है.

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4. यूएपीए के नियम वामपंथी उग्रवादियों (LWE) के खिलाफ भी लागू होते हैं. राज्य पुलिस माओवादियों के खिलाफ इसी एक्ट के तहत कार्रवाई करती है. CPI (माओवादी) के कार्यकर्ताओं की भी गिरफ्तारी पुलिस इन्हीं कानूनों को आधार बनाकर करती रही है.

5. अगर कोई शख्स किसी बम धमाके में शामिल होता है, कहीं उसने बम प्लांट किया है, उसके पास से गोले-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है और उसकी वजह से विस्फोट हुआ है जिसमें कई लोगों की मौत हुई है, तब उसे मौत की भी सजा दी जा सकती है. विस्फोट की प्रकृति देखते हुए उसे आजीवन कारावास की भी सजा दी सकती है. 

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6. UAPA की धारा 7 सरकार को यह अधिकार देती है कि गैरकानूनी संस्थाओं की फंडिंग पर बैन लगा दे. धारा 7 के मुताबिक अगर किसी संस्था पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया है और जांच में यह बात सामने आती है कि संबंधित व्यक्ति इस संस्था की फंडिंग और वित्तीय लेन-देन में शामिल रहा है तो संस्था पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. 

7. धारा 7 यह भी अधिकार देती है कि जांच एजेंसियां और पुलिस ऐसी संस्थाओं से जुड़े परिसरों पर सर्च ऑपरेशन चला सकती हैं और उनके बैंक खातों की पड़ताल कर सकती हैं. 

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8. UAPA की धारा 8 केंद्र सरकार को यह ताकत देती है कि केंद्र सरकार किसी ऐसी जगह को चिन्हित कर सकती है जहां उसे लगता है कि गैरकानूनी गतिविधियां चल रही हैं. चाहे वजह जगह घर हो, बिल्डिंग हो, टेंट हो या जहाज हो. केंद्र सरकार स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस भेजकर ऐसी जगह पर एक्शन ले सकती है.  

9. केंद्र सरकार ने साल 2016 में जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेंशन (IRF) पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस संस्था से जुड़े सभी बैंक खातों को सीज कर दिया गया है और संपत्तियों को सरकार ने जब्त कर लिया है.

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