मंकीपॉक्स से लेकर लंपी वायरस तक, इन गंभीर बीमारियों जूझ रहा देश, क्या कर रही हैं सरकारें?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Aug 04, 2022, 04:49 PM IST

स्वाइन फ्लू और लंपी स्किन डिजीज ने बढ़ाई राज्य सरकारों की चिंता.

देश कई अलग-अलग संक्रामक बीमारियों से जूझ रहा है. कोविड महामारी के बाद अब मंकीपॉक्स, लंपी वायरस, और अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मामले देश के अलग-अलग हिस्सों में सामने आ रहे हैं. आइए जानते हैं कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकारें क्या कर रही हैं.

डीएनए हिंदी: भारत संक्रामक बीमारियों का गढ़ बनता जा रहा है. कोविड (Covid-19) महामारी में लाखों की मौत के बाद अब अलग-अलग संक्रामक रोगों ने देश में दस्तक दी है. मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों के बीच अब कई दूसरी खतरनाक संक्रामक बीमारियों ने दस्तक दे दी है, जिसकी वजह से लोग हैरान हैं. जहां मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों की वजह से लोगों में दहशत है, वहीं पशुओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. लंपी  स्किन डिजीज (Lumpy Skin disease) से लेकर स्वाइन फ्लू (Swine Flu) तक, अलग-अलग बीमारियों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. इन खतरनाक संक्रामक बीमारियों की वजह से जानवरों की जान पर बन आई है.

देश के कई राज्यों में लंपी स्किन रोग के साथ-साथ स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दी है. स्वाइन फ्लू की वजह से जहां सैकड़ों की संख्या में सुअर मारे जा रहे हैं, वहीं लंपी स्किन डिजीज की वजह से हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में मवेशियों की व्यापक स्तर पर मौत हो रही है. किसानों का कहना है कि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है और खेती के सीजन में जानवर दम तोड़ रहे हैं. आइए जानते हैं भारत में किन कोविड और मंकीपॉक्स के अलावा किन बीमारियों ने चिंता बढ़ा दी है.

Monkeypox: इन चार लक्षणों से समझिए कैसे आपके शरीर में फैल जाएगा मंकी पॉक्स

मवेशियों के लिए काल बना लंपी वायरस, हजारों पशुओं की मौत!

गुजरात और राजस्थान में दुधारू पशुओं के लिए लंपी वायरस (Lumpy skin disease) काल बनकर आया है. गुजरात में 50,000 से ज्यादा तो राजस्थान में 25,000 से ज्यादा पशु इस खतरनाक बीमारी की चपेट में हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 1,400 से ज्यादा पशु इस बीमारी की चपेट में आकर मर गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थितियां जमीनी स्तर पर बेहद अलग हैं.

एक से ज्यादा पार्टनर से न बनाएं यौन संबंध, Homosexual लोगों के लिए खतरा

लंपी स्किन डिजीज दुधारू पशुओं से जुड़ी त्वचा की बीमारी है. इसका प्रसार बेहद तेजी से होता है. यह एक वायरल बीमारी है. इससे संक्रमित पशुओं की त्वचा पर फफोले पड़ जाते हैं. कुछ पशुओं के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठें बन जाती हैं. जैसे इंसानों में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीजों में फफोले पड़ जाते हैं वैसे ही स्थिति पशुओं के लिए लंपी से संक्रमित होने के बाद होती है. ज्यादा गांठें होने के बाद पशुओं की मौत हो जाती है. लंपी स्किन डिजीज की वजह से किसानों को बड़े आर्थिक क्षति से गुजरना पड़ता है.

यह बीमारी कई अफ्रीकी देशों में मौजूद है. साल 2012 में इसका प्रसार दक्षिण-पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में भी हो गया था. तब से लेकर अब तक अलग-अलग देशों में इसके फैलाव के मामले देखने को मिलते हैं. अब देश इस गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. 

कितना खतरनाक है लंपी वायरस?

लंपी वायरस से संक्रमित मवेशियों को बुखार हो जाता है. उनके मुंह से लार निकलने लगता है और त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं. मवेशियों का खाना-पीना भी छूट जाता है और मौत हो जाती है. टीकाकरण इस बीमारी से बचने का सबसे मजबूत हथियार है. गुजरात सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि सही समय पर सरकार उचित कदम नहीं उठा रही है जिसकी वजह से जानवरों की मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.

Lumpy Virus से गुजरात में मर गए 1,240 मवेशी, जानिए क्या है यह खतरनाक बीमारी

स्वाइन फ्लू: अलग-अलग राज्यों में मारे जाएंगे हजारों सुअर

कर्नाटक, केरल और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में अफ्रीकन स्वाईन फ्लू ने दस्तक दे दी है. केरल में ही सैकड़ों की संख्या में सुअरों को मारने के आदेश दिए गए हैं. कन्नूर में 250 से ज्यादा सुअर मारे जाएंगे. गुजरात में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी है. उत्तराखंड में भी 300 से ज्यादा सुअरों को मारने की तैयारी हो रही है. 

क्या होता है स्वाइन फ्लू?

स्वाइन फ्लू पशुओं के लिए महामारी की तरह है. यह बेहद संक्रामक रोग है जिसका नाम स्वाइन इन्फ्लुएंजा है. यह स्वसन से संबंधित रोग है. इसका फैलाव सुअरों में होता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है. हेल्थ एक्सपर्ट् यह भी मानते हैं कि H1N2, H3N1 और H3N2 स्ट्रेन के रूप में भी यह बीमारी सुअरों में मौजूद रहती है. इंसानों में यह बीमारी सीधे तौर पर नहीं फैलती है. 

दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा मरीज, अस्पताल में भर्ती हुआ संक्रमित नाइजीरियाई आदमी

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए क्या कर रही है सरकार?

बर्ड फ्लू की तरह स्वाइन फ्लू संक्रमण के फैलाने पर पशुओं को ही खत्म किया जाता है. स्वाइन फ्लू में भी हजारों की संख्या में संक्रमित सुअरों को मार दिया जाता है. देश के अलग-अलग प्रभावित राज्यों में संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए सुअरों को मारा जा रहा है. ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ही आदेश जारी करता है. केंद्र और राज्य सरकारों की भी नजर इस बीमारी पर बनी रहती है.

.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.