देश के कई हिस्सों में NEET-UG में कथित अनियमितताओं को लेकर प्रोटेस्ट हो रहे हैं. इसको लेकर सियासी घमासान जारी है. आरोप और प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. साथ ही UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी गई है. सरकार ने सुबोध कुमार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के प्रमुख के पद से हटाकर रिटायर्ड IAS प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया है. खरोला अब NTA के नए महानिदेशक बनाए जा चुके हैं.
NTA को बेहतर बनाने के लिए एक कमेटी का गठन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एनटीए के भीतर बुनायदी बदलाव का इशारा दे चुके हैं. इसके ढांचे में सुधार को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा चुकी है. शिक्षा मंत्रालय की तरफ से परीक्षाओं में साफगोई और पारदर्शिता बनाने को लेकर जानकारों की एक टीम गठित की जा चुकी है. इसमें ISRO के पूर्व अध्यक्ष राधाकृष्णन की अगुवाई में इस टीम की तरफ से परीक्षा प्रक्रिया और चयन तंत्र को बेहतर करने के लिए दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी जाएगी. इस दौरान ये टीम एनटीए से जुड़ी हर पहलुओं को देखेगी, उसकी संरचना और कार्यप्रणाली का भी विश्लेषण करेगी, फिर अपनी सिफारिशों को मंत्रालय के सामने पेश करेगी.
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असफल साबित हुई है ये एजेंसी
NTA के स्थापना के पीछे का मुख्य उद्येश्य था कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं को सही और पारदर्शी तरीके से करवाया जा सके, लेकिन NTA का ये मॉडल समय-समय पर असफल साबित हुआ है. हाल ही में 21 जून को CSIR-UGC-NET को लेकर परीक्षा रद्द हो चुका है. इसकी घोषित तारीख 25 से 27 जून के दरम्यान थी. परीक्षा की तारीख आगे कर दी गई है. इसके पीछे कोई ठोस वजह भी नहीं बताई गई है. बस संसाधनों की कमी को कारण बताया गया है. पिछले 5 सालों की बात करें तो देश के 15 प्रदेशों में 41 भर्ती परिक्षाओं में पेपर लीक हो चुके हैं. इन प्रदेशों में यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर शामिल हैं.
NTA का निर्माण कब हुआ था?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) की तरफ से 2017 में एक हायर एजुकेशन से जुड़े संस्थानों के प्रवेश परिक्षाओं को सुचारु और निष्पक्ष ढंग से करवाने के लिए एक स्वायत्त यूनिट बनाने की बात कही गई थी. 1 मार्च 2018 को इसका गठन कर दिया गया. इस निकाय का नाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) रखा गया. इस एजेंसी को कई सारी यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट के अलग-अलग कार्यक्रमों में दाखिले को लेकर परिक्षाएं कराने की जिम्मेदारी दी गई.
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