Nepal plane crash: नेपाल में बार-बार क्यों होती हैं विमान दुर्घटनाएं, किस वजह से खतरनाक है यहां हवाई सफर?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 16, 2023, 07:07 AM IST

नेपाल प्लेन हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई है. (तस्वीर-PTI)

नेपाल में विमान हादसों का लंबा इतिहास रहा है. मई 2022 में एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी.

डीएनए हिंदी: नेपाल (Nepal) में यति एयरलाइंस (Yeti Airlines) का विमान दुर्घटना में 68 लोगों की मौत हो गई है. देश में ATR-72 विमान से जुड़ा यह पहला हादसा है. विमान में क्रू मेंबर्स के 4 सदस्यों समेत 72 लोग सवार थे. आशंका है कि विमान में सवार सभी लोग मारे गए हैं. नेपाल एविएशन अथॉरिटी के मुताबिक यति एयरलाइन के 9N-ANC ATR-72 विमान ने दिन में 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. पोखरा एयरपोर्ट पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

नेपाल में इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है. इस देश में विमान हादसों का लंबा इतिहास रहा है. मई 2022 में, तारा एयर की ओर से संचालित एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी.

नेपाल में हुए विमान हादसों के पीछे कई कारण हैं. नेपाल में विमान बेहद असुरक्षित हैं और पायलटों की सही ट्रेनिंग नहीं हुई है. यह हमेशा से नेपाल एयरलाइन उद्योग की बड़ी चिंताओं में शुमार रही हैं. एविएशन सेफ्टी डेटाबेस के मुताबिक बीते  30 साल में नेपाल में कम से कम 27 घातक विमान दुर्घटनाएं हुईं.

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क्यों नेपाल में बार-बार होती हैं विमान दुर्घटनाएं?

नेपाल में बार-बार मौसम बदलता है. ज्यादातर इलाके पहाड़ी हैं, इसलिए वहां मौसम अस्थाई रहता है. पायलट और दूसरे अहम क्रू मेंबर्स के प्रशिक्षण की कमी भी नेपाल में दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा है. नेपाल में कठिन पहाड़ी इलाके हैं, जहां विमानों और उड़ाना और लैंड कराना बेहद मुश्किल है. नए विमानों और एयरपोर्ट के बुनियादी ढाचों में भी कमी जग जाहिर है.

नेपाल में विमानों का रखरखाव प्रभावी ढंग से नहीं होता है. न ही उन्हें सही वक्त पर अपडेट किया जाता है. नेपाल में इसी वजह से हर साल लोगों की मौत होती है. 2013 में, यूरोपीय संघ ने नेपाल को फ्लाइट सिक्योरिटी के लिहाज से ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था. नेपाल के हवाई क्षेत्र में आने वाली सभी उड़ानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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