आरक्षण के चक्रव्यूह उलझ गई BJP? नीतीश कुमार ने एक तीर से साधे 2 निशाने

रईश खान | Updated:Nov 10, 2023, 02:27 PM IST

Bihar Reservation

Bihar Reservation: लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का मुख्य फोकस ओबीसी वर्ग पर है. यही वजह है कि बिहार जातिगत जनगणना के बाद विपक्षी नेता पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की बात कह रहे हैं.

डीएनए हिंदी: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चला है. नीतीश ने जातिगत जनगणना कराने के बाद बिहार में आरक्षण का दायरा 60  से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है. खास बात ये रही कि विधानसभा में इसे पेश करते समय किसी ने भी विरोध नहीं किया, बीजेपी भी नहीं. नीतीश कुमार ने इस चाल से न सिर्फ बीजेपी को फंसाया है, बल्कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस यानी INDIA गठबंधन में अपना कद भी बढ़ा लिया है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो जातिगत सर्वे और आरक्षण की सीमा 75 फीसदी तक बढ़ाकर नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को एक बड़ा हथियार दे दिया है. जिसे वह 2024 में इस्तेमाल कर सकेगी. 2014 से बीजेपी इस वोटबैंक के सहारे सत्ता हासिल करने में कामयाब हो रही थी. यादवों को छोड़कर बाकी OBC जातियों और अनुसूचित जातियों का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी को वोट कर रहा था. इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि पीएम मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं.

नीतीश कुमार ने जिस तेजी से यह चाल चली है बीजेपी ने उसको समझने में थोड़ी देर कर दी. नीतीश ने सबसे पहले जातिगत सर्वे कराया, जिसमें एक हिस्सा आर्थिक सर्वेक्षण का भी था. इसके बाद दोनों रिपोर्ट विधानमंडल की पटल पर रख दिया. बीजेपी और उसके सहयोगी दल अभी जाति सर्वेक्षण में उलझे ही थे कि नीतीश ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ज जारी कर दी. इतना ही नहीं सुशासन बाबू ने आनन फानन में कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर आरक्षण की सीमा को 75 प्रतिशत करने का ऐलान कर दिया. 

OBS कितना मिलेगा आरक्षण?
इसमें राज्य सरकार की तरफ से 65 प्रतिशत और EWS के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 10 प्रतिशत रिजर्वेशन लागू होगा. अब यह विधेयक विधान परिषद में पेश किया जाएगा. फिर राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा. बिहार के जातीय जनगणना के अनुसार पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की कुल आबादी 63.13 फीसदी है. इस वर्ग को बिहार में सरकारी नौकरियों और शैक्षाणिक संस्थानों में कुल 43 फीसदी आरक्षण मिलेगा. 

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किस जाति को कितना हुआ फायदा 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का मुख्य फोकस ओबीसी वर्ग की वोटबैंक पर है. यही वजह है कि बिहार जातीगत जनगणना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव राज्य में सरकार बनने के बाद जातिगत जनगणना कराने की बात कह रहे हैं. राहुल गांधी ओबीसी आरक्षण का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. राहुल गांधी ने ऐलान किया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही वह देश में जातीय जनगणना कराएंगे और ओबीसी को उनका हक दिलाएंगे. लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर अपने कद को बढ़ा लिया है.

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