क्या है 'वन फोर्स, वन डिस्ट्रिक्ट' जिसे मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए लागू करेगी सरकार?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2023, 09:27 AM IST

Manipur One Force One District

Manipur Violence News: मणिपुर में 16 प्रशासनिक जिले हैं. 3 मई 2023 से भड़की हिंसा के बाद से राज्य में पुलिस के साथ सीआरपीएफ और सेना की कुछ कंपनियां तैनात हैं. लेकिन फिर भी हिंसा थम नहीं रही है.

डीएनए हिंदी: मणिपुर में करीब चार महीने बाद भी हिंसा की आग थम नहीं रही है. हिंसा में अब तक 170 लोगों को जान गंवानी पड़ी है, जबकि करोड़ों की संपत्ति जलाकर खाक कर दी गई है. राज्य में दो समुदाय मैतेई और कुकी के बीच हिंसक झड़प आज भी दिखाई दे रही है. जिसने सरकार की टेंशन बढ़ा रखी है. 27 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के एक दफ्तर में आग लगा दी. दो छात्रों की हत्या के बाद लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. हालात को देखते हुए पहाड़ी इलाकों में AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इस बीच सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' की व्यवस्था लागू कर सकती है.

One force One District पॉलिसी क्या है?
जानकारी के मुताबिक 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' पॉलिसी का मतलब एक जिले में एक पैरामिलिट्री फोर्स द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखना है. यानी इस व्यवस्था के तहत जिले में एक फोर्स को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जाएगी. जिले में जो भी गतिविधि होगी उसके लिए वह फोर्स जबावदही होगी. इससे फोर्सेज के बीच टकराव होने की संभावना कम होगी और हिंसा को रोकने में कामयाबी मिलेगी. अबी तक मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी मदद कर रही है.

इस व्यवस्था से क्या होगा फायदा?
दिल्ली में मौजूद एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस कदम से फोर्स के बीच न सिर्फ समन्वय बनेगा, बल्कि जवाबदेही भी तय होगी. जिले में एक फोर्स के तैनात होने से वहां की हर चीज की जिम्मेदारी उसके अधिकारी की होगी. क्योंकि अभी तक राज्य में घटना के लिए जिम्मेदारी लेने से फोर्सेस एक दूसरे पर टालती आई हैं. अधिकारी की मानें तो RPF के पास अधिक कर्मी हैं, ऐसे में संभावना है कि उन्हें एक से अधिक जिलों में तैनात किया जा सकता है. 

बता दें कि मणिपुर में 16 प्रशासनिक जिले हैं. 3 मई 2023 से भड़की हिंसा के बाद से राज्य में पुलिस के साथ सीआरपीएफ और सेना की कुछ कंपनियां तैनात हैं. अर्धसैनिक बलों की 200 से अधिक कंपनियां राज्य में तैनात हैं. इनमें CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF और असम राइफल्स के जवान प्रदेश में शांति बहाल करने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन इसके बावजूद हिंसा थम नहीं रही है. सरकार ने इसे रोकने के लिए अब वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स व्यवस्था लागू करने का प्लान बनाया है.

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