पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर भीषण गोलीबारी, तालिबानियों और पाक सरकार की बनती क्यों नहीं, समझिए वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 16, 2022, 08:09 AM IST

अफगानिस्तान और पाकिस्तानी सीमा पर हाल के दिनों में बढ़ गया है तनाव. 

जिस तालिबान के विस्तार में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई थी, वही तालिबान अब सीमाई इलाकों में पाक नागरिकों की जान ले रहा है. समझिए विवाद की वजह.

डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच संबंध इन दिनों सामान्य नहीं हैं. एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार पाकिस्तानी और अफगानी सैनिकों के बीच झड़प हुई है, जिसमें कम से कम 16 पाकिस्तानी नागरिक बुरी तरह से घायल हो गए हैं. गुरुवार को चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग (Spin Buldak) पर हुई झड़प में भीषण गोलिबारी हुई है. पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सीमा पर शांति थी तभी अफगानी सैनिकों ने पाकिस्तानी सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी. बिना किसी उकसावे के हुई फायरिंग के बाद चमन शहर के बाजार बंद हो गए और स्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं. लोगों को गोलीबारी का डर सता रहा है. वहीं अफगान रक्षा मंत्रालय का कहना है कि गोली पहले पाकिस्तानी सेना ने चलाई थी. 

अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता व्यवस्था के कायम होते ही पाकिस्तान में आतंकवाद और बढ़ा है. पाकिस्तान खुद भी आतंक की आग में सुलग रहा है. जिन तालिबानियों के लिए पाकिस्तान कभी सुरक्षित पनाहगार था, उसी तालिबान से अब पाकिस्तान को डर रहा है. पाकिस्तान सरकार तालिबानियों के निशाने पर है. चमन सीमा पर हुई फायरिंग के बाद सीमाई गांवों को खाली करा लिया गया है. अस्पतालों को भी इमरजेंसी मोड में काम करने कहा गया है. कुछ दिन पहले हुई फायरिंग में 6 लोगों की मौत भी हो गई थी. आइए जानते हैं कि विवाद की असली वजह क्या है?

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सीमा पर सामान्य नहीं हैं हालात, नागरिकों को निशाना बना रहे तालिबानी

चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग के पास शेख लाल मोहम्मद सेक्टर में एक बैरक की मरम्मत चल रही है. अफगान सैनिक इसे रोकना चाहते हैं. हालिया विवाद की एक वजह यह भी है. काम न रोकने पर अफगानी सैनिक भड़क गए और उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों पर गोली चला दी. अफगानी सैनिकों ने कई राउंड गोलियां बरसाईं जिसके जवाब में पाकिस्तान ने जमकर फायरिंग की. पूरे इलाके में इस वजह से अशांति फैल गई है. अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है, वहीं नागरिकों से इलाके को खाली कराया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि यह टकराव और बढ़ सकता है क्योंकि अफगानिस्तानी सैनिक गोलियां चला रहे हैं, जिसमें आम नागरिकों को निशाना बना जा रहा है. 

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यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हिंसक झड़प हुई हो. पहले भी दोनों देश टकरा चुके हैं. एक महीना पहले भी चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग पर टकराव इतना बढ़ गया था कि पूरे रास्ते को बंद करना पड़ा था. तालिबानी आउटफिट के अफगानी बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान में घुस गया था और पाकिस्तानी सैनिकों पर धावा बोल दिया था. एक पाकिस्तानी की मौत हो गई थी, वहीं दो लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. 

क्या है पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा विवाद?

खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत का कुर्रम जिला भी विवाद की वजह बना है. वहां सड़क निर्माण को लेकर अफगानिस्तानी सैनिक विवाद खड़ा कर रहे हैं. पाकिस्तान इसे बनाना चाहता है, वहीं अफगानी इसके विरोध में हैं. नवंबर में दोनों ओर के सैनिक भिड़ गए थे और अफगानी अटैक में 8 लोग जख्मी हो गए थे. अफगानी बिना-सोचे समझे गोली चला दे रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान की मुसीबत बढ़ गई है.

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अफगानिस्तान डूरंड लाइन को सरहद नहीं मान रहा है. जब तक राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार थी तब तक यह सीमा विवाद सुलझा हुआ था. दोनों देशों के बीच युद्धजन्य स्थितियां नहीं थीं. जैसे ही अगस्त 2021 में तालिबानियों ने सत्ता संभाली दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया. ब्रिटिश सरकार ने साल 1893 में अफगानिस्तान के साथ 2640 किलोमीटर की रेखा खींची थी. अफगानिस्तान इस सीमा को नहीं मानता है. यही वजह है कि हाल के दिनों में संघर्ष और बढ़ गया है.

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