पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से हुआ बाहर, क्या बदलेगी दुनिया में छवि, बढ़ेगा निवेश?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 22, 2022, 05:17 PM IST

शाहबाज शरीफ. (फाइल फोटो- Facebook.com/ShehbazSharif)

FATF उन देशों को ग्रे लिस्ट में डालता है, जिनकी वह निगरानी करता है. यह संस्था आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर दुनियाभर में नजर रखती है.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakitsan) चार साल बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' से बाहर हो गया है. ग्लोबल वॉचडाग के इस फैसले से पाकिस्तान में लोग बेहद खुश नजर आ रहे हैं. लोग वैश्विक संस्था के फैसले का स्वागत कर रहे हैं.

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) दुनियाभर में आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग की निगरानी करता है. यह संस्था उन देशों पर नजर रखती है, जहां आतंकवादी घटनाएं ज्यादा होती हैं और मनी लॉन्ड्रिंग का धंधा सामान्यतौर पर चलता है. 

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क्या है FATF?

FATF एक वैश्विक संस्था है, जिसकी बैठक पेरिस में हर साल 3 बार होती है. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर यह संस्था नजर रखती है. FATF से कुल 39 सदस्य देश और क्षेत्रीय संगठन जुटे हैं. सदस्य देशों में भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और चीन जैसे दिग्गज देश भी शामिल हैं. इसे G7 देशों की पहल पर बनाया गया था.

क्या है FATF की ग्रे लिस्ट?

FATF उन देशों की ग्रे लिस्ट में रखता है, जिन पर वह बारीकी से नजर रखता है. ये वे देश हैं, जो FATF की निगरानी में अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने में फेल रहते हैं. यह ऐसे देशों को ग्रे लिस्ट में डालता है.

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21 अक्टूबर तक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहा है. निकारागुआ को भी ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. अब FATF की निगरानी में करीब 23 देश हैं. इन देशों में फिलीपींस, सीरिया, यमन, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, मोरक्को, जमैका, कंबोडिया, बुर्किना फासो, दक्षिण सूडान और बारबाडोस, केमैन आइलैंड्स और पनामा के टैक्स हेवन हैं.

ग्रे लिस्ट में शामिल देशों से क्या है उम्मीद?

FATF इन देशों पर सख्ती से नजर रखता है. इन देशों को वैश्विक संस्था की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करना होता है. अगर ऐसा करने में ये देश फेल होते हैं तो उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है. हर लिस्ट में रखने या हटाने को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती है.

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जब किसी देश को ग्रे लिस्ट में डाला जाता है तो उनकी जांच यह संस्था करती है. ऐसे देश जानकारियां साझा करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं. कुछ कमियां इस संस्था की ओर से बताई जाती हैं, जिन्हें पालन करना अनिवार्य होता है. इसमें सुधार करना होता है. 

पाकिस्तान ने किया क्या है?

जून 2018 में, पाकिस्तान को पहली बार ग्रे-लिस्ट किया गया था. पाकिस्तान ने वादा किया था कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाएगा. 21 अक्टूबर को FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए प्रभावी काम किया है.

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पाकिस्तान ने अपनी रणनीतिक खामियों को दूर किया है. जून 2018 और जून 2021 में दिए गए निर्देशों का भी पाकिस्तान ने पालन किया है. तय समयसीमा से पहले पाकिस्तान ने अपना टास्क पूरा कर लिया है. पाकिस्तान को कुल 34 कमियों को दूर करने की बात कही गई थी. 

क्या है भारत का रिएक्शन?

भारत ने कहा है कि FATF की जांच के बाद अब पाकिस्तान को कुछ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया है. इनमें 26/11 के हमले में शामिल दोषियों का भी नाम है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान को अपने आतंक प्रभावित क्षेत्रों में मजबूती से काम करना चाहिए और टेरर फंडिंग पर रोक लगानी चाहिए. 

क्या हो सकता है पाकिस्तान को लाभ?

FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर होने पर पाकिस्तान का भरोसा दुनिया में बढ़ेगा. पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर बढ़त मिल सकती है. दुनियाभर की ऐसी संस्थाएं जो निवेश करती हैं, वे ग्रे लिस्ट वाले देशों में निवेश करने से परहेज करती हैं. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, और मदद और निवेश की सख्त जरूरत है. पाकिस्तान के लिए वैश्विक संस्था का यह फैसला बेहद मददगार साबित होने वाला है.

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