डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में आटे के लिए लोग तरस गए हैं. बीते कई सप्ताह से गेहूं और आटे के दाम इतने बढ़ गए हैं कि आम आदमी इसे खरीद नहीं पा रहा है. सरकारी सब्सिडी वाले आटे को लेने के लिए राशन की दुकानों पर लंबी कतारें नजर आ रही हैं. सिंध में आटे के लिए ऐसी भगदड़ मची कि एक लड़के की जान चली गई. दूसरी जगहों से ट्रक पर लदी बोरियों के पीछे भागते लोगों की तस्वीरें सामने आ रही हैं.
पाकिस्तान में अचनाकर आई महंगाई की एक नहीं कई वजहे हैं. आटे की किल्लत इसलिए बढ़ी है क्योंकि कई सारे फैक्टर मिलकर पाकिस्तान की स्थिति खराब कर रहे हैं. पाकिस्तान की राज्य सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी वजहों से पाकिस्तान में आटा मंहगा हुआ है. रूस-यूक्रेन युद्ध, 2022 में आई भीषण बाढ़ और अफगानिस्तान में हो रही गेहूं की तस्करी की वजह से पाकिस्तान में आटा महंगा हुआ है.
पाकिस्तान में क्या है आटे की मौजूदा कीमतें?
पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में गेहूं का उत्पादन अच्छा होता है. पंजाब में जहां आटा 145 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, वहीं सिंध में 160 रुपये प्रति किलो गेहूं के दाम हैं. खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आटे के दाम आसमान पर हैं.
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गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 5 किलो और 10 किलो आटे के बैग की कीमतें एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं. इस्लामाबाद और रावलपिंडी में एक नान 30 पाकिस्तानी रुपये में बिक रही है जबकि एक रोटी 25 पाकिस्तानी रुपये में बिक रही है.
अचानक कीमतों में हुए इजाफे की वजह क्या है?
पाकिस्तान आटे के लिए आयात पर निर्भर है, जिसका बड़ा हिस्सा रूस और यूक्रेन से आता है. 2020 में, पाकिस्तान ने 1.01 बिलियन डॉलर मूल्य का गेहूं आयात किया था. पाकिस्तान ने यूक्रेन से 496 मिलियन डॉलर का आटा खरीदा था, इसके बाद रूस से 394 मिलियन डॉलर में यह खरीद पाकिस्तान ने की थी. ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी (OEC) के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की यूक्रेन पर निर्भरता अधिक थी. इस साल रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई की वजह से आपूर्ति बाधित हो गई.
पाकिस्तान में 2022 में भीषण बाढ़ आई थी, जिसकी वजह से फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं. पानी में डूबे पाकिस्तान में आटे की फसल चौपट हो गई थी. पाकिस्तान के पास अनाज भंडारण की भी किल्लत है.
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सिंध और बलूचिस्तान में गेहूं की कीमतें बड़े पैमाने पर बढ़ीं हैं. बाढ़ की वजह से अनाज भंडारण बुरी तरह प्रभावित हुआ. अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी भी पाकिस्तान की त्रासदी की एकवजह है. स्थानीय स्तर पर गेहूं की कमी हो गई है और कीमतें आसमान में हैं. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि सरकारी गोदामों में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. वितरण में देरी के की वजह से आटे की किल्लत हो गई है, जिसे सुधारने की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है.
पाकिस्तान की वितरण प्रणाली में भी है खोट
पाकिस्तान में प्रांतीय सरकारों की ओर से मिलों को गेहूं दिया जाता है. मिलें फिर खुदरा बाजारों में आटा उपलब्ध कराती हैं. जिन प्रांतों को लगता है कि उनके यहां किल्लत हो सकती है, वे ज्यादा स्टॉक के लिए केंद्र से गुहार लगा सकते हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में छोटी चक्कियां सीधे किसानों से आटा खरीदती हैं. इस बार पाकिस्तान की फसलें तबाह हुईं, पर्याप्त आयात नहीं हुआ, जिसकी वजह से महंगाई की मार आम जनता पर पड़ी है. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि पर्याप्त गेंहू रूस से खरीदा गया है, जल्द ही किल्लत खत्म हो जाएगी.
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