Rajasthan Election 2023: उपाध्यक्ष पद के साथ राजस्थान से वसुंधरा राजे की विदाई तय?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 09, 2023, 09:34 PM IST

Vasundhara Raje

Vasundhara Raje Rajasthan: राजस्थान चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. वसुंधरा राजे का इस लिस्ट में नाम नहीं है जबकि 7 सांसदों को टिकट दिया गया है. इसके साथ ही राजस्थान की पूर्व सीएम के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं.

डीएनए हिंदी: राजस्थान की दो बार सीएम रहीं वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के राजनीतिक भविष्य पर अब संशय दिखता नजर आ रहा है. हाल ही में उन्हें बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. यह पद देने के साथ ही कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की राजनीति में उनकी पारी खत्म हो चुकी है. हालांकि, राजस्थान से उनकी सम्मानजनक तरीके से विदाई हो इसके लिए उन्हें केंद्र में बड़ा पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है. राजस्थान बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि राजे जयपुर छोड़ना नहीं चाहती हैं और इसके लिए खींचतान जारी है. माना जा रहा था कि बीजेपी की पहली लिस्ट में उनका नाम जरूर होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इसके बाद से अब फिर से इन कयासों को बल मिल गया है कि बीजेपी प्रदेश में नए नेतृत्व को तैयार करने के मूड में है. 

वसुंधरा राजे ही नहीं मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान की विदाई की खबरें भी चल रही हैं. चौहान इस बार भी बुधनी से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में अब उनका कद पहले की तरह नहीं रहने वाला है. बीजेपी अगर सत्ता में वापसी भी करती है तो भी सीएम पद के लिए इस बार किसी नए चेहरे पर भरोसा जताया जाएगा. राजस्थान में भी 7 सांसदों को उतारकर शीर्ष नेतृत्व ने अपनी मंशा उजागर कर दी है. 

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क्या होगा वसुंधरा राजे का भविष्य 
ऐसी चर्चा लंबे समय से है कि बीजेपी अब प्रदेश स्तर पर शीर्ष नेतृत्व में बदलाव कर नेताओं की अगली पीढ़ी तैयार कर रही है. असम में भी सर्वानंद सोनोवाल की जगह पर हेमंत बिस्वा सरमा को सीएम बनाया गया. सोनोवाल को केंद्र में मंत्री का पद दिया गया है. दूसरी ओर लंबे समय से कहा जा रहा है कि राजे को साइडलाइन किया जा रहा है. हाल ही में पीएम मोदी के राजस्थान में हुए कार्यक्रमों में वसुंधरा की उपस्थिति औपचारिकता भर लग रही थी. हालांकि, शीर्ष नेतृत्व की कोशिश है कि यह विदाई शांति से हो जाए और इसके लिए उन्हें बीजेपी उपाध्यक्ष का पद भी दे दिया गया है. 

बीजेपी या तो उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है या फिर पार्टी में पद देकर उन्हें चुनावी राजनीति से पूरी तरह से किनारे भी किया जा सकता है. जो भी है लेकिन इतना तो तय नजर आ रहा है कि 'महारानी' की सियासत में धमक अब पहले की तरह मजबूत नहीं रही है. एक तरह से वह अब राजनीतिक वनवास के दौर में जा चुकी हैं. 

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राजस्थान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं राजे 
वसुंधरा राजे के करीबियों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व के बार-बार संकेत देने के बाद भी राजस्थान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि वह राजस्थान में ही रहेंगी. हालांकि, मौजूदा बीजेपी नेतृत्व को देखें तो यहां कठोर फैसले लेने में भी वक्त नहीं लगाया जाता है. ऐसे में आखिरकार राजे को पार्टी की ओर से मिलने वाले विकल्प को स्वीकारने के अलावा और कोई चारा बचेगा भी नहीं. अगर इस चुनाव में उन्हें टिकट मिल भी जाता है तो भी उन्हें सीएम बनाया जाएगा इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है.    

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