डीएनए हिंदी: रूस (Russia) के हमले में यूक्रेन (Ukirane) का हर शहर तबाह हो चुका है. 10 महीने से जारी इस जंग में यूक्रेन लड़ाई तो कर रहा है लेकिन वहां कुछ बचा नहीं है. अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार को कहा है कि रूस, यूक्रेन में युद्ध का अंत चाहता है. रूस इस जंग का कूटनीतिक हल चाहता है. व्लादिमीर पुतिन का यह फैसला भावनात्मक नहीं है. उनके सैनिकों ने पहले ही इस देश को तबाह कर दिया है. खारकीव, कीव,लुहांस्क और डोनेट्स्क जैसे शहरों में भीषण तबाही मचाने के बाद पुतिन का फैसला लोगों को हैरान कर रहा है.
व्लादिमीर पुतिन के इस बयान की कई वजहे हैं. रूस, यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक तौर पर अलग-थलग पड़ गया है. पश्चिमी देश उससे किनारा कर चुके हैं. यूरोप की नाराजगी रूस मोल ले चुका है. पड़ोसी पहले से नाराज हैं. नाटो देश पहले ही रूस की राह के सबसे बड़े रोड़े हैं. चौतरफा घिरे व्लादिमीर पुतिन के इस ऐलान पर दुनिया की नजरें पहले से थीं.
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कैसे तैयार हुई युद्ध खत्म करने की भूमिका?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. जो बाइडेन ने वादा किया कि अमेरिका, यूक्रेन की मदद करता रहेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी साफ कह दिया कि रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने रूस के आक्रमण का सामना करने में लगातार समर्थन के लिए अमेरिकी नेताओं व जनता का शुक्रिया अदा भी किया. व्लादिमीर पुतिन समझ गए कि अब यह जंग खत्म नहीं होने वाली है. यू्क्रेन से उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा है. आर्थिक मोर्चे से लेकर सैन्य मोर्चे तक, रूस ही इस युद्ध से घाटे में जा रहा है.
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अब जल्दबाजी में जंग खत्म करना चाहते हैं व्लादिमीर पुतिन
व्लादिमीर पुतिन अब समझ गए हैं कि यह जंग जितने दिन चलेगा, रूस का उतना ही घाटा है. तभी उन्होंने कहा है कि वह सैन्य हस्तक्षेप के जरिए युद्ध नहीं खत्म करना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि युद्द समाप्त हो. जितनी जल्दी जंग खत्म होगी, उतना ही बेहतर रहेगा.
अमेरिका को है पुतिन की मंशा पर शक
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी को यह भरोसा नहीं है कि व्लादिमीर पुतिन यह जंग खत्म करना चाहते हैं. व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला 24 फरवरी को किया था. साल खत्म होने जा रहा है लेकिन जंग चल रहा है. उन्होंने कहा कि पुतिन का यह बयान विरोधाभासी है. पुतिन युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं और यूक्रेन में जारी हिंसा नहीं रोक रहे हैं. जो बाइडेन चाहते थे कि पुतिन से बातचीत करके युद्ध खत्म कर दिया जाए लेकिन इसकी उन्होंने इच्छा नहीं जताई. राजधानी कीव में बीते 10 महीने से भीषण हमले किए जा रहे हैं.
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यूक्रेन पर क्यों बदले हैं व्लादिमीर पुतिन के सुर?
व्लादिमीर पुतिन के सुर बदलने की कई वजहें हैं. यूक्रेन में बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मारे गए. उनके सैन्य हथियार छीन लिए गए. रूसी सैनिक यह बात जानते हैं कि यूक्रेन पर वे कब्जा बरकरार नहीं रख पाएंगे क्योंकि यूक्रेन को पूरी दुनिया से मदद मिल रही है. व्लादिमीर पुतिन हार मानने से भले ही बच रहे हों लेकिन यूक्रेन से लड़ाई में उनकी रणनीतिक हार हो चुकी है. पुतिन के इस ऐलान की कुछ बड़ी वजहें हैं. आइए समझते हैं.
1. व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम को कम करके आंक रहे थे. नाटो और पश्चिमी देशों के सहयोग से यूक्रेन के पास बेहतर हथियार प्रणाली पहुंच गई है. हवाई मोर्चे पर भी रूस की सेना नुकसान झेल रही थी.
2. व्लादिमीर पुतिन पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम को भी कम आंक रहे थे. अमेरिका, यूक्रेन को यह सिस्टम देने को तैयार हो गया था. व्लादिमीर पुतिन को यह डर भी सता रहा था कि अब स्थितियां और भयावह हो सकती हैं.
3. रूसी सैनिक 11 महीनों की जंग से थक चुके थे. यूक्रेन उनके साथियों के लिए कब्रगाह बन गया था. बड़े पैमाने पर सैनिक मारे गए. पुतिन के एक आदेश ने दोनों देशों को तबाह कर दिया है. व्लादिमीर पुतिन के इस ऐलान के पीछे की एक वजह यह भी है.
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क्यों नहीं खत्म हो रही थी जंग?
रूस का कहना है कि यूक्रेन जंग खत्म नहीं करना चाहता है. यूक्रेन का कहना है कि रूस को अपने हमलों को रोकना चाहिए और अपने कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को छोड़ देना चाहिए. रूस इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं था. रूस दुनिया की महाशक्तियों में शुमार है. यूक्रेन को दुनिया की कई महाशक्तियों से सैन्य समर्थन मिल रहा था. दो महाबलियों की जंग में घाटा दोनों देशों को हो रहा था. अब शायद पुतिन के ऐलान के बाद युद्ध थमे और दोनों देशों के बीच किसी स्तर की शांति वार्ता हो सके.
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